रांची: राज अस्पताल में IVUS (Imaging) तकनीक से एंजियोप्लास्टी (Angioplasty) की गयी। मरीज के हृदय की मुख्य ऑर्टरी (Artery) में ओरिजिन से ही ब्लॉकेज था, जिससे मरीज को चलने-फिरने में काफी तकलीफ होती थी।
मुख्य ऑर्टरी की ब्लॉकेज (Artery Blockage) को हटाने के लिए डॉ. राजेश कुमार झा ने IVUS (इमेजिंग) तकनीक से स्टेंट का सटीक प्रत्यारोपण किया। इससे मरीज के स्वास्थ्य में तेजी से सुधार हो रहा है।
इमेजिंग तकनीक सबसे महत्वपूर्ण एवं नवीनतम तकनीक है
डॉ. राजेश कुमार झा (Dr. Rajesh Kumar Jha) ने बताया कि IVUS तकनीक के द्वारा न सिर्फ स्टेंट का प्रत्यारोपण सटीक तरीके से होता है, बल्कि प्रत्यारोपण की बाद उसकी पुष्टि भी सही से हो जाती है कि स्टेंट सही से लगा है या नहीं।
उन्होंने बताया कि इमेजिंग तकनीक (Imaging Techniques) सबसे महत्वपूर्ण एवं नवीनतम तकनीक है, जो कोरोनरी धमनी रोग के निदान और उपचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
कोरोनरी इमेजिंग के लिए विशेष उपकरण का उपयोग किया जाता है, जिसका उपयोग कर, डॉक्टर एंजियोप्लास्टी की प्रक्रिया को आसान और परफेक्ट बनाते हैं, जिससे रोगी को बेहतर परिणाम मिलता है।
IVUS तकनीक की मदद से बार-बार अस्पताल में भर्ती होना नहीं पड़ता है
डॉक्टर राजेश ने बताया कि IVUS तकनीक की मदद से रेस्टेनोसिस (धमनी का फिर से सिकुड़ना) और थ्रोम्बोसिस (रक्त के थक्के) जैसी जटिलताओं का खतरा कम हो जाता है।
इससे मरीज को बार-बार अस्पताल में भर्ती होना नहीं पड़ता है। राज अस्पताल के हार्ट सेंटर में अभी तक तीन मरीजों को IVUS तकनीक से एंजियोप्लास्टी (Angioplasty) की जा चुकी है।