रांची : झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) ने रिम्स में मरीजों के परिजनों के साथ मारपीट की घटना (RIMS Fighting Incident ) पर राज्य सरकार और रिम्स से न्याय मित्र की व्यवस्था में बदलाव के सुझाव पर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा और जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने दोनों को दो सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। रिम्स में 11 फरवरी 2020 को मरीज के परिजनों के साथ जूनियर डॉक्टरों और अन्य कर्मचारियों की मारपीट की मीडिया रिपोर्ट पर हाईकोर्ट स्वत संज्ञान लेकर सुनवाई कर रहा है।
मंगलवार को सुनवाई के दौरान इस मामले के न्याय मित्र वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का हवाला देते हुए अदालत को कई सुझाव दिए।
कहा कि रिम्स में गंभीर रोगियों के लिए विशेष तौर पर बेड की व्यवस्था होनी चाहिए। बेड उपलब्ध न हो तो वरीय अधिकारियों से भी बात की जानी चाहिए।
गंभीर और दुर्घटना में घायल मरीजों की देखभाल के लिए रिम्स की व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त की जानी चाहिए, ताकि जैसे ही ऐसे रोगी रिम्स (Rims) पहुंचे, उनका तत्काल बेहतर इलाज शुरू हो सके। अस्पताल में सभी जांच की सुविधा 24 घंटे हो।
ये हैं न्याय मित्र के सुझाव
● रिम्स पहुंचने वाले गंभीर रोगियों के लिए विशेष बेड की व्यवस्था हो।
● गंभीर व दुर्घटना में घायल मरीजों के लिए तत्काल इलाज की व्यवस्था हो।
● देर रात मरीजों को देखने लिए वरीय चिकित्सकों की प्रतिनियुक्ति की जाए।
● डॉक्टर व पारा मेडिकल स्टॉफ मरीजों के परिजनों से सहयोगी भाव रखें।
● रिम्स में सभी मौलिक जांच की व्यवस्था 24 घंटे होनी चाहिए।