रांची: रिम्स के निदेशक डॉ कामेश्वर प्रसाद की ओर से मंगलवार को चिकित्सा अधीक्षक, डीन, सभी विभागाध्यक्ष सहित अन्य को पत्र जारी किया गया है।
यह पत्र माइल्ड, असिम्प्टोमैटिक कोविड-19 केसेस के मामलों में होम आइसोलेशन एवं री जॉइनिंग के संबंध में है।
निदेशक की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि रिम्स के अंतर्गत कार्यरत चिकित्सकों एवं कर्मियों के कोविड-19 संक्रमण होने की स्थिति में माइल्ड, असिम्प्टोमैटिक कोविड-19 केसेस के मामलों में होम आइसोलेशन के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के द्वारा पांच जनवरी को जारी मार्गदर्शिका जिसको झारखंड सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा भी एक्सेप्ट किया गया है।
इसके अनुसार जो सात दिन के आइसोलेशन में अंतिम तीन दिन में बुखार से मुक्त रहे हैं। वह आठवें दिन बिना रिपीट टेस्टिंग के अपनी ड्यूटी पर जॉइन कर सकते हैं।
वहीं दूसरी ओर रिम्स के जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन (जेडीए) ने इसका विरोध किया है। जेडीए अध्यक्ष डॉ विकास कुमार ने मंगलवार को कहा कि डॉक्टर्स के हेल्थ की चिंता किसी को नहीं है। सात दिन पूरे हुए और बिना टेस्ट कराए ड्यूटी पर बुलाया जा रहा है।
हमारा शरीर भी आम लोगों की तरह है। उसे भी बीमार होने पर रेस्ट की जरूरत होती है। सरकार को अपनी कमियां छिपाने के लिए डॉक्टर को ही काम पर लगा देना है। नया नियम है वह भी बिना फैक्ट के।