रांची: सिमडेगा में हुए हत्या को अमानवीय घटना करार देते हुए भाजपा के नेता विधायक दल और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा कि संजू प्रधान को घर से पकड़ कर ले जाकर पीटा गया और जिंदा जला दिया गया।
इस दौरान पुलिस भी उपस्थित थी। पत्नी सपना देवी पुलिस से संजू को बचाने के लिए गिड़गिड़ाते रही, भीड़ पिटता रहा और जिंदा आग के हवाले कर दिया।
मामले में मरांडी ने ठेठईटांगर के दरोगा, डीएसपी और एसपी को बर्खास्त कर सीबीआई जांच की मांग की है। मरांडी शनिवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोल रहे थे ।
उन्होंने परिवार को 10 लाख का मुआवजा और पत्नी को सरकारी नौकरी देने की मांग की है।
उन्होंने कहा कि दलित परिवार पर सोची समझी साजिश के तहत घटना को अंजाम दिया गया है, इस मामले में सफेदपोश का भी हांथ है।
उन्होंने कहा कि घटना के बाद भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ संजू प्रधान के घर गया, जहां संजू की पत्नी और मां से मुलाकात की।
संजू की पत्नी सपना देवी ने बताया कि संजू घर के समक्ष हाट यानी बाजार में गो मांस की बिक्री और गो हत्या का विरोध किया करता था।
इसके बाद कई लोगों ने धमकी भी दिया था। इसी बीच बम्बलकेरा में कुछ लोग इकट्ठा होकर बैठक किया। बैठक में संजू प्रधान को भी बुलाया गया।
जहां ठेठईटांगर की पुलिस भी उपस्थित थी। पुलिस के समक्ष ही पिटाई की गई और जिंदा जला दिया गया। पुलिस इस क्रम में मूकदर्शक बनी रही।
15 किलोमीटर पर जिला मुख्यालय होने के बावजूद न ही सीनियर पदाधिकारी पहुंचे न ही अतिरिक्त फोर्स बुलाया गया। पत्नी सपना पुलिस को हवाई फायरिंग और अपने पति की जान बचाने की भीख मांगती रही लेकिन पुलिस ने किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं की।
उन्होंने कहा कि घटना के बाद पुलिस ने तीन सफेद कागज पर सपना देवी से हस्ताक्षर करवा कर ले गयी। साथ ही पीड़ित परिवार के ही तीन लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
जिनका इस वारदात से कोई लेना देना नहीं। उन्होंने कहा कि मामले को रफा दफा और दोषियों को बचाने के लिए साजिश रची जा रही है।
लकड़ी काटने के आरोप की सच्चाई यह है कि मामला वन विभाग के तहत रजिस्टर्ड है। मामले को डायल्यूट किया जा रहा है।
उन्होंने इस घटना को अमानवीय और क्रूर बताते हुए कहा कि पुलिस पर कार्रवाई हो और मामले की जांच सीबीआई से कराया जाए।