रांची: झारखंड में कोरोना प्रोत्साहन राशि निकासी का मामला अब तूल पकड़ने लगा है। पूर्व मंत्री और विधायक सरयू राय एक के बाद एक आरोप राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता पर लगा रहे हैं।
हालांकि, बन्ना गुप्ता ने सरयू राय को एक लीगल नोटिस भेजा है लेकिन सरयू राय ने उसका जवाब नहीं दिया है।
विधायक सरयू राय अभी भी अपने बयान पर टिके हुए हैं। राय ने कहा है कि बन्ना गुप्ता के कोषांग के 60 कर्मियों में 54 कर्मियों को राशि का भुगतान हो चुका है।
रांची के डोरंडा ट्रेजरी से 54 लोगों के बैंक खाता में राशि भेजी गई है, जबकि बन्ना गुप्ता सहित छह लोगों का भुगतान प्रोजेक्ट भवन स्थित ट्रेजरी में भुगतान के लिए भेजा गया था, जो देरी के कारण लैप्स हो गया।
इधर, बन्ना गुप्ता ने दावा किया था कि उनके कोषांग से जिन लोगों के नाम भेजे गये थे, उनको भुगतान ही नहीं हुआ है। मंत्री के इस दावे को राय ने खारिज करते हुए मुख्यमंत्री को पत्र भेज कर इससे संबंधित दस्तावेज भी भेजे हैं।
मामला कोर्ट में है
उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर कहा है कि स्वास्थ्य मंत्री ने पद का दुरुपयोग किया है। कोरोना प्रोत्साहन राशि के जो योग्य पात्र नहीं थे, उनका भी नाम भेजा गया है। राय ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि वह स्वास्थ्य मंत्री को बर्खास्त कर आपराधिक मुकदमा दर्ज करायें।
इस संबंध में सरयू राय ने कहा कि राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गयी है। इसे लेकर उन्होंने छह महीने पहले ही ट्वीट कर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से कहा था कि राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था चौपट है लेकिन इस दिशा में कोई पहल नहीं की गयी है।
लीगल नोटिस के सवाल पर उन्होंने कहा कि उस नोटिस का जवाब देने लायक नहीं था। उस पर बन्ना गुप्ता का हस्ताक्षर भी नहीं था। इसलिए उस नोटिस का जवाब देना जरूरी नहीं समझता।
इधर, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने सरयू राय के लीगल के सवाल पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया। उनसे जब यह पूछा गया कि कोरोना प्रोत्साहन राशि घोटाला क्या है।
इस पर उन्होंने कहा कि सरयू राय को बताना चाहिए। जब उनसे यह पूछा गया कि क्या सरयू राय सरकार को अस्थिर करने का प्रयास तो नहीं कर रहे हैं, तो उन्होंने इस पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया।
उन्होंने कहा कि सरयू राय को लीगल नोटिस भेजा गया है। मामला कोर्ट में है। इस पर कुछ भी कहना अभी ठीक नहीं होगा।