रांची: झारखंड हाई कोर्ट में शुक्रवार को चीफ जस्टिस रवि रंजन और जस्टिस एसएन प्रसाद की खंडपीठ में जलाशय मामले में अब दो सप्ताह बाद सुनवाई होगी।
पूर्व में राज्य सरकार और नगर निगम से कोर्ट ने जलाशयों के आसपास अधिग्रहित जमीन की रिपोर्ट मांगी थी।
जानकारी के अनुसार दो सप्ताह पूर्व सरकार ने सुनवाई के दौरान अपनी गलती मानते हुए समय की मांग की थी। इस दौरान कहा गया था कि एफिडेविट समेत कोर्ट को सभी जानकारी देने में देर हुई है।
ऐसे में अंतिम मौका दिया जाए, जिसमें अतिक्रमित क्षेत्र की पूरी जानकारी कोर्ट को दी जायेगी। हालांकि, कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा था कि ऐसा बार-बार हो रहा है।
इलाकों में अतिक्रमण की बात की गयी है
रांची के जलाशयों के साथ ही देवघर के जलाशयों के किनारे अतिक्रमित क्षेत्र की जानकारी दी जाएगी। मामले में अधिवक्ता खुशबू कटारूका, पीयूष कृष्णा चौधरी समेत अन्य ने दलील पेश की।
उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट नगर निगम और नगर विकास विभाग से लगातार काम की विस्तृत रिपोर्ट की मांग कर रहा है।
जलाशय और डैम से अतिक्रमण हटाने के मामले में कितना कार्य हुआ इसकी रिपोर्ट कोर्ट ने मांगी है।
मामला राजधानी के जलाशयों से संबंधित है, जहां जलाशयों में जलस्तर का कम होना और आसपास के इलाकों में अतिक्रमण की बात की गयी है।