रांची: नगर आयुक्त मुकेश कुमार की ओर से 15वें वित्त आयोग के तहत आवंटित फंड का दुरुपयोग करने के मामले में मेयर आशा लकड़ा ने सोमवार को मुख्यमंत्री सह नगर विकास विभाग के मंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर मार्गदर्शन मांगा है।
पत्र में मेयर ने पूर्व में नगर विकास विभाग के सचिव को लिखे गए पत्र का हवाला भी दिया है।
पत्र में उन्होंने स्पष्ट तौर पर लिखा है कि 19 फरवरी को नगर विकास विभाग के सचिव को उपरोक्त विषय पर पत्र लिखकर मार्गदर्शन मंगा गया था। साथ ही पत्र की प्रतिलिपि मुख्य सचिव एवं विभागीय मंत्री को भी भेजा गया था।
फिर भी अब तक उपरोक्त विषय पर किसी प्रकार का मार्गदर्शन नहीं दिया गया। अतः पुनः विभागीय मंत्री को पत्र लिखकर स्मरण कराने की आवश्यकता पड़ी।
मेयर ने पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री से कहा है कि आप नगर विकास विभाग के विभागीय मंत्री भी हैं।
इसलिए उपरोक्त विषय पर अधिनियम संगत मार्गदर्शन प्रदान करें, ताकि रांची नगर निगम क्षेत्र का समुचित विकास हो सके।
मेयर ने कहा कि नगर आयुक्त ने निगम परिषद एवं स्थाई समिति से स्वीकृति लिए बिना 48 योजनाओं को निष्पादित कर दिया है।
अब 48.94 करोड़ रुपये की इन योजनाओं को निगम परिषद की बैठक में लाकर घटनोत्तर स्वीकृति प्रदान करने का दबाव बना रहे हैं।
नगर आयुक्त ने 15वें वित्त आयोग के तहत आवंटित राशि का दुरुपयोग कर 48 योजनाओं का न सिर्फ टेंडर किया, बल्कि संबंधित योजनाओं का निष्पादन भी कर दिया।
मामला वित्त से संबंधित: मेयर
नियमानुसार 15वें वित्त आयोग के तहत आवंटित राशि की उपयोगिता के लिए मेयर, डिप्टी मेयर सहित पार्षदों से बड़ी योजनाओं के प्रस्ताव मांगे जाते हैं।
उसके बाद संबंधित प्रस्तावों को निगम परिषद एवं स्थाई समिति की बैठक में लाकर स्वीकृति प्राप्त करना अनिवार्य है।
लेकिन नगर आयुक्त ने इस प्रक्रिया को दरकिनार कर स्वयं 48.94 करोड़ की योजनाओं का चयन कर लिया और नगर विकास विभाग के सचिव से प्रशासनिक स्वीकृति प्राप्त कर ली।
इसके बाद न सिर्फ टेंडर प्रक्रिया पूरी की गई, बल्कि संबंधित योजनाओं का निष्पादन भी किया गया। मेयर ने कहा कि यह मामला वित्त से संबंधित है।
जब नगर आयुक्त ही स्वयं योजनाओं का चयन कर 15वें वित्त आयोग के तहत आवंटित राशि का दरुपयोग करेंगे तो इसे निगम परिषद की बैठक में लाकर घटनोत्तर स्वीकृति प्रदान करने का औचित्य क्या है।