रांची: झारखंड हाई कोर्ट में बुधवार को तारकेश्वर महतो सुधीर कुमार एवं अन्य ने रिट याचिका दाखिल की है।
उन्होंने हाईकोट में सरकार की संशोधित शराब नियमावली को चुनौती दी है।
याचिका में खुदरा शराब विक्रेता संघ ने कहा है कि किसी खास कंपनी को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से और व्यक्तिगत लाभ के लिए नियमावली में संशोधन किया गया है।
प्रार्थियों ने अपनी याचिका में कहा है कि नयी नियमावली में जेएसबीसीएल को राज्य भर का स्टॉकिस्ट बनाया गया है और जिस कम्पनी को थोक बिक्री का जिम्मा दिया गया है वह जेएसबीसीएल को ही अपना माल बेचेगी, जो थोक विक्रेता कम्पनी है वह बिना किसी ड्यूटी के भुगतान के लिए जेएसबीसीएल के गोदाम में अपना माल भी रखेगी, जबकि जेएसबीसीएलको खुदरा बिक्री के लिए माल उठाने से पहले ड्यूटी का भुगतान करना होगा।
राज्य सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व की क्षति होगी
इसके साथ याचिका में संशोधित नियमावली में कई तकनीकी अड़चनों की भी बात कही गई है।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता के मुताबिक जेएसबीसीएल और खुदरा विक्रेताओं के बीच एक कम्पनी को स्थापित करने के पीछे व्यक्तिगत लाभ की मंशा है।
इस व्यवस्था से राज्य सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व की क्षति होगी। इसलिए इस नियमावली को निरस्त किया जाना चाहिए। प्रार्थियों ने अधिवक्ता भारद्वाज, विपुल शर्मा और तान्या सिंह को अपना अधिवक्ता नियुक्त किया हैं।