रांची: झारखंड बिजली की गंभीर समस्या से गुजर रहा है। इसकी वजह राज्य को मांग के अनुरूप बिजली न मिलना और सिकदरी पावर प्रोजेक्ट का बंद होना है। राजस्थान से राज्य को 350 मेगावाट की बिजली की सप्लाई मिल रही है।
एक तरफ जहां भीषण गर्मी और तपिश लोगों को झुलसा रही है, वहीं दूसरी तरफ बिजली की लगातार आंख-मिचौली लोगों की परेशानी बढ़ा रही है।
इस वजह से अब लोग सड़कों पर उतर कर विरोध कर रहे हैं। महिलाओं का कहना है कि बच्चों की पढ़ाई-लिखाई बिजली की वजह से बर्बाद हो रही है।
मांग के अनुरूप नहीं मिल रही बिजली
दिन में लगभग 1500 मेगावाट बिजली मिल रही है लेकिन मांग 1770 मेगावाट के आस पास है।
रात के वक्त बिजली की किल्लत 400 से 600 मेगावाट की होती है। शाम छह बजे के बाद लोड शेडिंग का दायरा बढ़ जाता है।
बिजली मिलने की बात की जाए तो तेनुघाट से वर्तमान में 320 मेगावाट, आधुनिक ग्रुप से 180 मेगावाट बिजली मिल रही है।
इसके अलावा झारखंड को सेंट्रल पूल से भी बिजली मिल रही है। वहीं, सिकदारी पावर प्लांट जिसकी क्षमता 130 मेगावाट है पानी की कमी से बंद है।
राज्य ऊर्जा विभाग का कहना है कि बिजली की कमी है। उसे दूर करने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन बिजली की कमी के कारण विभाग लाचार है।
सेंट्रल पूल पर निर्भरता के कारण झारखंड को बिजली की कमी से दो-चार होना पड़ रहा है।
वहीं, जो भी बिजली मिल रही है उसका डिस्ट्रीब्यूशन प्रॉपर वे में करने को लेकर विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वो हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं।
संचरम प्रक्षेत्र के महाप्रबंधक मुकेश कुमार सिंह ने कहा कि बिजली की किल्लत दूर करने को लेकर हर मुमकिन कोशिश की जा रही है।
ऊर्जा विभाग ने सभी महाप्रबंधकों को कम से कम बिजली कटौती करने और पावर कट की मॉनिटरिंग करने का निर्देश दिया है।
इस संबंध में ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव अविनाश कुमार ने महाप्रबंधकों को पत्र जारी किया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि ऊर्जा संचरण निगम लिमिटेड और अन्य निगम के पदाधिकारी स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर में मौजूद रहें और कम पावर कट की मॉनिटरिंग करें।
ग्रामीण इलाकों के फीडर से औद्योगिक क्षेत्रों को नहीं दी जाए बिजली
सचिव ने कहा है कि ग्रामीण इलाकों में बिजली आपूर्ति सही करने के लिए ग्रामीण इलाकों के फीडर से औद्योगिक फीडरों को बिजली की आपूर्ति नहीं की जाये।
साथ ही एरिया बोर्ड के महाप्रबंधकों को बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित करने और इसकी निरंतर समीक्षा करने का निर्देश दिया है।
उन्होंने रांची, जमशेदपुर, पलामू, धनबाद, दुमका एरिया बोर्ड के महाप्रबंधकों को बिजली संकट के दौरान एक्टिव रहकर विद्युत आपूर्ति को बेहतर करने का निर्देश दिया है।