रांची : राजधानी रांची में शारदीय नवरात्र (Sharadiya Navratri) पर मां भगवती (Maa Bhagwati) के आगमन की खुशी में उत्सव का माहौल शुरू हो गया है। पूजा पंडालों को कलाकार-कारीगर लगभग अंतिम रूप दे चुके हैं।
कई पंडाल तो आकार भी ले चुके हैं। इनमें सिर्फ फिनिशिंग (Finishing) हो रही है। बड़े पूजा पंडाल में युद्धस्तर पर सजावट का काम चल रहा है। पंडाल में तय स्थान पर पाट-पटुआ, थर्मोकोल और थीन पेपर की कटिंग से तैयार नक्काशी को लगाने के काम में तेजी आयी है।
पंडाल के बाहरी हिस्से में रंग-रोगन का भी काम तेज हुआ है। मुख्य मंडप में स्थापित प्रतिमाओं को मूर्तिकार तैयार करने में सहयोगियों के साथ जुटे हुए हैं।
पूजा पंडाल में श्रद्धालुओं को झारखंड की कला और संस्कृति के कई रंग दिखेंगे। पंडाल में पारम्परिक संस्कृति के कई रूपों को कल्पनाओं में ढ़ाला जा रहा है।
भक्तों के लिए देशज भावनाओं को मूर्त रूप प्रदान करने के लिए आयोजक जुटे हुए हैं। पंडाल को मनोहारी बनाने के लिए आधुनिक तकनीक और विद्युत सज्जा के नए रूप गढ़े जा रहे हैं।
पूजा पंडालों के निर्माण में कला और श्रम को आकार देने वाले कारीगर और कलाकार (Artisans and Artists) मंगलवार को बेहद खुश नजर आए।
बुधवार को खुल जाएंगे पूजा पंडाल के पट
मजदूरों और कलाकारों (Workers and Artists) के साथ सज्जाकारों ने दिन-रात एक कर सपने को साकारा करने में जुटे हैं। देर शाम तक पंडाल के चारो ओर स्पोर्ट के लिए लगे बांस-बल्ली को खोलते समय कारीगर काफी खुश थे।
कई पंडाल में काम कर रहे कारीगरों ने बताया कि गुरुवार को देर रात तक पूजा पंडालों के चारो ओर लगे शेष बांस और बल्लियों को हटा लिया जाएगा। उनका कहना था कि सब मां की कृपा है, जिस कारण काम समय पर पूरा हो जाएगा।
शहर के कई पूजा पंडाल के पट बुधवार को चतुर्थी तिथि पर खुल जाएंगे। ऐसे पंडाल में सजावट का काम अंतिम चरण में है।
बकरी बाजार में भारतीय युवक संघ (Indian Youth Association) के मुख्य प्रवेश द्वार के पास पेबर टाइल्स लगाए गए हैं। कमेटी अध्यक्ष अशोक चौधरी ने कहा, सफाई, रोशनी व बैरिकेटिंग-जेनरेटर की व्यवस्था का काम लगभग पूरा कर लिया गया है।