रांची: नियुक्ति वर्ष मना रही राज्य सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती नियुक्तियों के लिए नियमावली का नहीं होना माना जा रहा है।
राज्य के अलग-अलग विभागों में नियुक्ति के लिए 150 से अधिक नियमावलियां बनी हुई हैं। इन्हीं नियमावलियों के आधार पर कर्मचारी चयन आयोग विभिन्न पदों के लिए रिक्तियों के अनुरूप नियुक्ति परीक्षा का आयोजन करता है।
विभागों ने पहले से ही रिक्तियों की सूची कर्मचारी चयन आयोग को उपलब्ध करा दी है, लेकिन नियमावली में संशोधन नहीं होने के कारण परीक्षा के आयोजन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
कार्मिक विभाग ने सभी विभागों से इस संबंध में अनुरोध किया है, लेकिन अभी तक सभी विभागों ने नियमावली को संशोधित नहीं किया है। अभी लगभग एक दर्जन विभागों में ही नियमावली में ही संशोधन हो सका है।
इधर लंबे समय से स्थायीकरण व वेतनमान की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे झारखंड के 65 हजार पारा शिक्षक नियमावली तैयार होने का इंतजार कर रहे है।
ऐसे में झारखंड राज्य प्रशिक्षित पारा शिक्षक संघ राज्य इकाई ने शिक्षा मंत्री से प्रस्तावित नियमावली में राज्य के 55000 प्रशिक्षित पारा शिक्षकों के सेवा नियमतीकरण व वेतनमान के लिए क्या किया है, इसकी स्थिति स्पष्ट करने की सरकार से मांग की है।
मंत्री के साथ वार्ता में बनी थी सहमति
सिद्दीक शेख ने कहा है कि 7 अगस्त एवं 18 अगस्त को संघ से वार्ता के समय बिहार की तर्ज पर झारखंड के पारा शिक्षकों के लिए सेवा नियमितीकरण एवं वेतनमान के लिए नियमावली बनाने की सहमति पहले शिक्षा मंत्री द्वारा दी गयी थी।
शिक्षा मंत्री के साथ वार्ता में तय हुआ था कि बिहार की तर्ज पर झारखंड के पारा शिक्षकों को वेतनमान दक्षता परीक्षा बाद में देनी होगी। प्रस्तावित नियमावली के कैबिनेट में जाने से पहले पारा शिक्षक संगठन को भी देने का निर्णय शिक्षा मंत्री ने स्वयं लिया था।
नियमावली अभी तक पारा शिक्षक संघ को नही दी गई। नियमावली तैयार होने में जो पेंच लगा है उसे दूर किया जा रहा है ऐसा शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा है। मंत्री ने मिडिया से ये भी कहा है कि वो अपना किया हुआ वादा ज़रूर पूरा करेंगे और पारा शिक्षकों को तोहफा जल्द से जल्द इले इसके लिए वो भी अपनी पूरी कोशिश कर रहे हैं।
सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती
नियुक्ति वर्ष मना रही राज्य सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती नियुक्तियों के लिए नियमावली का नहीं होना माना जा रहा है।
राज्य कैबिनेट ने हाल में ही दो प्रमुख संशोधन किए हैं, जिनके अनुरूप सभी विभागों को नियुक्ति नियमावली में सुधार करना अनिवार्य हो गया है। इन संशोधनों से रोजगार में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता दी जा सकेगी।
राज्य सरकार ने तय किया है कि झारखंड से मैटिक और इंटर पास अभ्यर्थियों को ही नौकरी में प्राथमिकता दी जाएगी। अभ्यर्थियों के लिए झारखंड की स्थानीय भाषाओं का ज्ञान होना भी अनिवार्य कर दिया गया है।
परीक्षा संचालन नियमावली में बदलाव तो कर दिए गए हैं, लेकिन अब विभागों को नियमावली में सुधार करना होगा। इसके बगैर परीक्षा का आयोजन नहीं हो सकता है।
कैबिनेट की बैठक आज
गुरुवार को कैबिनेट की बैठक में कुछ विभागों में बदली हुई नियमावली भी पहुंच रही है। इसकी संख्या एक दर्जन से अधिक होने की बात कही जा रही है। झारखंड कैबिनेट की बैठक गुरुवार, दिनांक 21 अक्टूबर 2021 को झारखंड मंत्रालय में 4:00 बजे से शुरू होगी।