रांची: झारखंड में 15 फरवरी के बाद उन सात जिलों में भी पहली से आठवीं तक के लिए स्कूल खुल सकते हैं, जहां फिलहाल कक्षा नौ से बारह के लिए ही स्कूल खोलने की अनुमति मिली है।
इन सात जिलों में से पांच जिलों में संक्रमण दर अब पांच प्रतिशत से भी कम हो गई है। साथ ही यहां एक्टिव केस की संख्या में भी काफी कमी आई है।
इनमें रांची, चतरा, सरायकेला खरसावां, देवघर तथा बोकारो शामिल हैं। सिर्फ सिमडेगा और पूर्वी सिंंहभूम में ही यह दर पांच प्रतिशत से अधिक है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा 27 जनवरी से दो फरवरी के सप्ताह में संक्रमण दर का जो आंकड़ा जारी किया है उसमें यह पुष्टि हुई है।
इसके अनुसार, अब राज्य के किसी भी जिले में दस प्रतिशत से अधिक संक्रमण दर नहीं है।
दरअसल, झारखंड आपदा प्रबंधन प्राधिकार ने स्कूलों को खोलने को लेकर निर्णय साप्ताहिक संक्रमण दर के अलावा एक्टिव केस की संख्या के आधार पर लिया।
31 जनवरी को सात जिलों में या तो संक्रमण दर पांच प्रतिशत से अधिक थी या वहां एक्टिव केस 200 से अधिक थे।
अब जहां सिमडेगा में संक्रमण दर 6.75 तथा पूर्वी सिंंहभूम में 5.75 प्रतिशत है, वहीं रांची और पूर्वी सिंंहभूम में एक्टिव केस की संख्या 200 से अधिक है।
ऐसे में इन तीन जिलों में ही सभी कक्षाओं को खोलने से पहले विचार करना होगा। अन्य चार जिले चतरा, सरायकेला खरसावां, देवघर तथा बोकारो ने स्कूलों को खोलने का मानक लगभग पूरा कर लिया है।
झारखंड के लिए राहत की बात
देश में कोरोना का संक्रमण कम होने के बाद भी 297 जिले ऐसे हैं, जहां संक्रमण दर 10 प्रतिशत से अधिक है। अच्छी बात यह है कि इनमें झारखंड का एक भी जिला नहीं है।
तीसरी लहर में ही एक समय राज्य के आठ जिलों में संक्रमण दर 10 प्रतिशत से अधिक हो गई थी। वहीं, वर्तमान में देश के 169 जिलों में संक्रमण दर पांच से 10 प्रतिशत के बीच है। इनमें झारखंड के तीन जिले सिमडेगा, गोड्डा तथा पूर्वी सिंंहभूम शामिल हैं।