रांची: झारखंड के लोगों को जल्द ही Plane की रफ्तार के समान चलने वाली तकनीक से यात्रा करने का मौका मिलने वाला है। यदि सबकुछ ठीक रहा तो Ranchi to Tata की दूरी को पूरा करने में मात्र 40 मिनट का समय लगेगा।
इसके लिए टाटा स्टील और टूटर हाइपरलूप (Tata Steel and Tooter Hyperloop) ने संयुक्त रूप से बड़े पैमाने पर हाइपरलूप टेक्नोलॉजी को विकसित व नियोजित करने के लिए IIT मद्रास से समझौता किया है।
भारत का पहला हाइपरलूप परीक्षण Track IIT Madras के डिस्कवरी परिसर में कार्यान्वयन के स्तर पर है। इसमें ऑटोनोमस, लेविटेटेड पॉड्स एक इवैकुएटेड ट्यूब्स के नेटवर्क के जरिए गुजरते हैं।
यह सड़क परिवहन और विमानन की तुलना में 10 गुना अधिक ऊर्जा-दक्षता का वादा करता है और रेल एवं सड़क की तुलना में 2-3 गुना कम जगह का उपयोग करता है।
टाटा स्टील का आधिकारिक बयान आया है सामने
टाटा स्टील के वाइस प्रेसिडेंट (टेक्नोलॉजी एंड न्यू मटेरियल्स बिजनेस) डॉ. देबाशीष भट्टाचार्य (Dr. Debasish Bhattacharya) ने कहा कि हम घरेलू तकनीक को प्रोत्साहन और बढ़ावा देते हैं और उन्हें व्यावसायिक सफलता की ओर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
टाटा स्टील (Tata Steel) की ओर से जारी विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई है।