रांचीः सरकार बने दो वर्ष हो गए, दर्जनों कैबिनेट मीटिंग हुई, हजारों निर्णय हुए, यदि कुछ नहीं हुआ तो वो है सिर्फ पारा शिक्षकों की समस्याओं का निदान। इसलिए अब आश्वासन की घुट्टी नहीं, परिणाम चाहिए।
14 नवंबर तक राज्य के पारा शिक्षकों के स्थायीकरण व वेतनमान पर अंतिम निर्णय नहीं हुआ तो 15 नवंबर को झारखंड राज्य स्थापना दिवस के मौके पर राज्य भर से सभी 65 हजार पारा शिक्षक रांची कूच करेंगे और यहां राज्य स्थापना दिवस समारोह का विरोध करेंगे।
यह अल्टीमेटम लंबे समय से स्थायीकरण व वेतनमान की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे राज्य के 65 हजार पारा शिक्षकों ने सूबे की हेमंत सरकार को दिया है।
31 नवंबर को राज्यभर में प्रखंड स्तरीय बैठक
अपनी घोषणा के अनुरूप पारा शिक्षकों ने 31 अक्टूबर को राज्य के सभी प्रखंडों में बैठक कर 15 नवंबर को रांची कूच करने की तैयारी शुरू कर दी है।
तय रणनीति के तहत सभी प्रखंड कमेटी की बैठक के बाद अपने-अपने क्षेत्र के विधायकों को भी 15 नवंबर को रांची में पारा शिक्षकों के साथ कूच करने का आग्रह करेंगे।
शिक्षा मंत्री से मुलाकात में पारा शिक्षकों ने दे डाली चेतावनी
दरअसल, राज्य के पारा शिक्षकों के स्थायीकरण व वेतनमान मामले को लेकर एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार की देर शाम प्रदेश के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो से मुलाकात की।
इस दौरान मंत्रीजी ने जैसे ही आश्वासन दिया कि वे अपनी स्वास्थ्य जांच हेतु दो दिनों के लिए चेन्नई जा रहे हैं, वहां से लौटने के बाद संघीय शिष्टमंडल एवं विभागीय अधिकारियों के साथ संयुक्त बैठक करेंगे एवं नियमावली को अंतिम रूप देंगे।
इसके बाद से ही राज्य भर के पारा शिक्षकों ने हेमंत सरकार को 14 नवंबर तक का अल्टीमेटम देते हुए झारखंड राज्य स्थापना दिवस समारोह के विरोध का बिगूल फूंक दिया।
शिक्षा मंत्री से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल में विनोद बिहारी महतो, संजय कुमार दुबे, ऋषिकेश पाठक, प्रमोद कुमार, दशरथ ठाकुर, मोहन मंडल, प्रद्युमन कुमार सिंह मौजूद थे।
चुनाव से पहले वादा करने वाले हेमंत सोरेन अब क्यों नहीं कुछ बोलते
शिक्षा मंत्री की ओर से फिर आश्वासन दिए जाने पर पारा शिक्षकों ने गहरी नाराजगी जताई और कहा कि अब आश्वासन नहीं परिणाम चाहिए। अगर 14 नवंबर तक पारा शिक्षकों के स्थायीकरण और वेतनमान पर निर्णय की घोषणा हुई तो उसका स्वागत करेंगे।
अगर नहीं हुई तो पारा शिक्षक विरोध करेंगे। एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि सरकार बने 2 साल हो गए हैं।
चुनाव पूर्व सरकार बनने के तीन माह में पारा शिक्षकों का स्थायीकरण, वेतनमान का वायदा करने वाले मुख्यमंत्रीजी अब पारा शिक्षकों के लिए एक शब्द भी नहीं बोलते !
अगस्त में ही होना था फाइनल निर्णय
बताया गया कि पारा शिक्षकों के वेतनमान व स्थायीकरण की नियमावली पर अगस्त के अंतिम सप्ताह में निर्णय लिया जाना था। इसके लिए 18 अगस्त को बैठक हुई थी और एक सप्ताह में बिहार की तर्ज पर नियमावली का प्रारूप शिक्षा मंत्री को सौंपा जाना था।
इसके बाद शिक्षा मंत्री पारा शिक्षकों के शिष्टमंडल को प्रारूप देते और अगले दो-तीन दिनों में आवश्यक संशोधन के साथ इस पर अंतिम सहमति बनी थी। शिक्षा मंत्री को सितंबर के अंत में प्रारूप मिल सका। इसके बाद वे उसका अध्ययन कर रहे हैं।