रांची: लातेहार में हाथी के बच्चे की मौत के मामले में हाइकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया। मामले की शुक्रवार को सुनवाई हुई।
सुनवाई चीफ जस्टिस और एसएन प्रसाद की खंडपीठ में हुई। इस दौरान कोर्ट ने सरकार पक्ष की ओर से पेश रिपोर्ट पर नाराजगी जतायी।
खंडपीठ ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि राज्य के जंगलों से जानवर और वृक्ष गायब होते गये लेकिन वन अधिकारियों ने इस पर कभी एक्शन नहीं लिया।
ऐसा लगता है जैसे वन विभाग में सिर्फ पद बढ़ते गये लेकिन अधिकारियों के पास कोई काम नहीं है।
अदालत ने कहा कि राज्य में जंगलों और जानवरों को कैसे बचाया जाये ये अहम मुद्दा है। पलामू टाइगर रिजर्व में बाघ दिखने और ट्रैकिंग नहीं होने पर भी कोर्ट ने इस दौरान नाराजगी व्यक्त की।
क्या है मामला
पिछले साल लातेहार में अगस्त और सितंबर में दो हाथियों की मौत हो गयी थी। लातेहार के बालूमाथ थाना क्षेत्र में हाथी के बच्चे का शव मिला था, जिसके बाद सूचना वन विभाग को दी गयी थी।
दस दिनों के अंदर दो हाथियों की मौत पर कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया था। पूर्व की सुनवाई में कोर्ट ने वन सचिव और पीसीसीएफ को भी कोर्ट में हाजिर होने की आदेश दिया था।
इसमें कोर्ट ने सरकार से पूछा था कि कोई बीमारी है या किस कारण से जंगली जानवरों की मौत हो रही, इसकी जानकारी कोर्ट को दी जायें। कोर्ट ने मामले को गंभीर बताया था।