रांची: झारखंड हाई कोर्ट के एक फैसले के बाद संविदा पर कार्यरत महिला पर्यवेक्षक अब स्थायी होंगी। झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस डॉ एसन पाठक की खंडपीठ ने मंगलवार को राज्य के महिला बाल विकास सचिव को आदेश दिया है कि वादी उमा देवी बनाम कर्नाटक सरकार केस से आच्छादित हैं।
साथ ही अदालत ने सचिव को 10 सप्ताह में एक आदेश पारित कर वादी को स्थायी करने का आदेश दिया।
उल्लेखनीय है कि देवघर जिले की रहने वाली प्रार्थी प्रियंका कुमारी ने न्यायालय में रिट याचिका दायर की थी। दायर याचिका में अदालत से गुहार लगाई थी कि उन्हें स्थायी किया जाय।
प्रार्थी के अधिवक्ता राधा कृष्ण गुप्ता और पिंकी साव ने अदालत में उनका पक्ष रखा।
अधिवक्ता राधा कृष्ण गुप्ता ने बताया कि हाई कोर्ट के एक आदेश में राज्य के सभी संविदा कर्मियों को स्थायी करने का आदेश दिया गया है।
लेकिन झारखंड के कुछ जिलों में महिला पर्यवेक्षिका संविदा पर कार्यरत हैं।
झारखंड हाई कोर्ट के फैसले से वर्षों से संविदा के आधार पर कार्यरत महिला पर्यवेक्षकों को बड़ी राहत मिली है।