रांची: झारखंड सचिवालय में कोरोना महामारी की तीसरी लहर का असर साफ दिख रहा है। सचिवालय में कोरोना संक्रमण का तेजी से फैलाव हुआ है।
पांच-छह दिनों में ही सचिवालय के करीब 150 से अधिकारी-कर्मचारी कोविड टेस्ट में पॉजिटिव पाये गये हैं। वहीं, 10 भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी भी संक्रमित हो चुके हैं।
इसके अलावा भी कई कर्मियों में कोरोना के लक्षण दिख रहे हैं लेकिन अभी तक अधिकारिक रूप से पुष्टि नहीं हुई है।
बड़ी संख्या में संक्रमण के चलते झारखंड मंत्रालय के अधिकांश विभागों में कामकाज प्रभावित हो गया है। पथ निर्माण विभाग, कार्मिक विभाग, समाज कल्याण विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, नेपाल हाउस के अंतर्गत योजना सह वित्त विभाग, उद्योग, श्रम विभाग सभी में काम प्रभावित हो गया है।
सचिवालय में सिर्फ जरूरी फाइलें निपटायी जा रही हैं। अधिकांश मंत्री भी सचिवालय नहीं आ रहे हैं। मुख्यमंत्री भी पिछले दो दिन से सचिवालय नहीं गये हैं।
50 फीसदी क्षमता के साथ हो रहा काम
झारखंड सचिवालय में 50 फीसदी क्षमता के साथ ही कामकाज चल रहा है। सरकार के निर्देश के बाद सभी विभागों में रोस्टर व्यवस्था लागू की गयी है।
हालांकि, अवर सचिव से ऊपर रैंक के अधिकारियों को हर दिन सचिवालय आना जरूरी किया गया है। लेकिन अवर सचिव से नीचे स्तर के कर्मियों के लिए 50 फीसदी क्षमता के साथ काम करने की अनुमति दी गयी है।
दिव्यांग, उम्रदराज, बीमार और गर्भवती महिलाओं को वर्क फ्रॉम होम की अनुमति दी गयी है। ऐसे में सचिवालय में अधिकारियों-कर्मियों की कम उपस्थिति के कारण कामकाज प्रभावित हो गया है।
झारखंड सचिवालय सेवा संघ के महासचिव पिकेश कुमार सिंह ने कोरोना संक्रमण के फैलने पर चिंता जतायी है। उन्होंने कहा है कि सचिवालय के विभिन्न भवनों में लगातार सैनिटाइजेशन किया जाना चाहिए।
हर दिन सचिवालय में कोरोना पॉजिटिव केस निकल रहे हैं। ऐसे में सचिवालय में आनेवाले आंगतुकों की भी जांच होनी चाहिए। हैंड सैनिटाइजर रखना और मास्क की चेकिंग भी की जानी चाहिए।