नई दिल्ली : अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) को लेकर विपक्षी दलों (Opposition Parties) द्वारा भी मंथन तेज कर दिया गया है।
अभी तक वो खांचा तैयार नहीं हो पाया है जिसके दम पर विपक्षी एकता (Opposition Unity) की नींव रखी जाएगी। अब उस बीच उस विपक्षी एकता की परिकल्पना को एक झटका लगा है।
NCP प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) ने अडानी मामले में ऐसा स्टैंड लिया है जो कांग्रेस (Congress) और कई दूसरे दलों से विपरीत है। उस एक स्टैंड ने विपक्षी एकता वाली मुहिम को झटका दिया है।
क्या बोले NCP प्रमुख शरद पवार
असल में एक न्यूज चैनल को Interview के दौरान एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने हिंडनबर्ग की उस रिपोर्ट पर निशाना साधा है जिसमें गौतम अडानी (Gautam Adani) को लेकर कई आरोप लगाए गए हैं।
शरद पवार ने कहा कि उस शख्स ने पहले भी ऐसे बयान दिए थे और तब भी सदन में कुछ दिन हंगामा हुआ था। लेकिन इस बार जरूरत से ज्यादा तवज्जो इस मुद्दे को दे दी गई है।
वैसे भी जो रिपोर्ट आई, उसमें दिए बयान किसने दिए, उसका क्या बैकग्राउंड है। जब वो लोग ऐसे मुद्दे उठाते हैं जिनसे देश में बवाल खड़ा हो, इसका असर तो हमारी अर्थव्यवस्था पर ही पड़ता है। लगता है कि ये सबकुछ किसी को टारगेट करने के लिए किया गया था।
19 विपक्षी पार्टियों ने मोदी सरकार पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोप
अब शरद पवार का ये बयान उस समय आया जब सदन में 19 विपक्षी पार्टियों ने Adani मुद्दे को जमकर उठाया भी और मोदी सरकार पर भ्रष्टाचार (Corruption) के आरोप भी लगाए।
उस समय शरद पवार का यूं अलग स्टैंड लेना कई तरह के सवाल खड़े कर गया है। इस समय NCP विपक्ष की एक बड़ी पार्टी है, शरद पवार नेता हैं, ऐसे में उसकी अहमियत और ज्यादा बढ़ जाती है।
महा विकास अघाड़ी में तो वो कांग्रेस के साथ खड़ी है। उस स्थिति में Congress से ही अलग स्टैंड रखना कई तरह के संकेत दे गया है।
शरद पवार के बयान पर कांग्रेस ने किया पलटवार
इस विवाद पर कांग्रेस की तरफ से भी एक बयान जारी किया गया है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश (JaiRam Ramesh) ने कहा कि NCP का अपना कोई स्टैंड हो सकता है, लेकिन 19 विपक्षी पार्टियां ये मानती हैं कि अडानी मुद्दा गंभीर है। मैं ये भी साफ करना चाहता हूं कि NCP और दूसरे विपक्षी दल हमारे साथ ही खड़े हैं, सभी साथ मिलकर लोकतंत्र को बचाना चाहते हैं और BJP की बंटवारे वाली राजनीति को हराना चाहते हैं।
अब जयराम रमेश ने ये बयान दे तो दिया है, लेकिन अडानी मुद्दा Congress के काफी करीब है, वैसे भी इसे क्योंकि खुद राहुल गांधी ने उठाया है, इसके मायने ज्यादा हो गए हैं।
NCP प्रमुख अभी तक नहीं खोले पत्ते
विपक्षी एकता की बात करें तो शरद पवार उसकी एक अहम कड़ी हैं। वो थर्ड फ्रंट के साथ जाएंगे या कांग्रेस वाली विपक्षी एकता का हिस्सा बनेंगे, अभी तक पत्ते नहीं खोले गए हैं।
लेकिन क्योंकि महाराष्ट्र में दोनों पार्टियां साथ हैं, ऐसे में कांग्रेस जरूर चाहेगी कि शरद पवार उनके साथ आएं। लेकिन अडानी मुद्दे पर एनसीपी प्रमुख के बयान उस इच्छा को एक सियासी झटका दिया है।