रांची: रांची के ऐतिहासिक मोरहाबादी मैदान में (Morabadi maidan) दो साल बाद दशहरा मनाया जायेगा। इसकी तैयारी जोरों पर है। मोरहाबादी मैदान में यह 74वां दशहरा है।
हर वर्ष की तरह इस बार भी पंजाबी-हिंदू बिरादरी रावण दहन की (Punjabi-Hindu fraternity Ravan Dahan) तैयारी में जुटा है।
17 कारीगर इसमें दिन रात काम किया
विगत 25 साल से रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के पुतले को मुस्लिम कारीगर ही (Muslim artisan) बनाते आ रहे हैं। गया निवासी मो. मुस्लिम के नेतृत्व में इन पुतलों को बनाया जाता है।
कुल 17 कारीगर इसमें दिन रात काम करते हैं, जिसमें 12 मुस्लिम ही हैं। मो. वसीम अंसारी, मो. पप्पू खान, गोल्डन खान, मो. असगर समेत कई कारीगर पुतला निर्माण में शामिल हैं।
सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुति देने वालों को आयोजन समिति सम्मानित भी करेगा
इस बार के रावण दहन (Ravana Dahan) कार्यक्रम में सिल्ली का पाइका, जमशेदपुर का छऊ नृत्य और शिवाकाशी कोलकाता का आतिशबाजी मुख्य आकर्षक रहेगा।
पाइका, छऊ और आतिशबाजी की प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुति देने वालों को आयोजन समिति सम्मानित भी करेगा।
मुख्य अतिथि CM हेमंत सोरेन होंगे
इस बार 74वें साल के मौके पर रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के पुतले की ऊंचाई बढ़ायी जा रही है। रावण 70, (70 feet Ravan ) कुंभकरण 65 और मेघनाथ की ऊंचाई 60 फीट होगी।
इसके साथ इस बार लंका भी बनायी जाए CM हेमंत सोरेन होंगे। इसकी पुष्टि आयोजन समिति के मीडिया प्रभारी अरुण चावला ने की।
मोरहाबादी मैदान में रावण दहन
उल्लेखनीय है कि रांची के मोरहाबादी मैदान में पहली बार 1952 में रावण दहन (Ravana Dahan) हुआ था।
1952 में फिरोजपुर पंजाब के स्व. अमीर चंद फतीजा ने 10 फीट का पुतला बनाकर इसकी शुरूआत की थी। इसके बाद से लगातार मोरहाबादी मैदान में रावण दहन किया जाता रहा है।