रांची: पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी कोरोना संक्रमण के मद्देनजर रांची में रावण दहन का आयोजन नहीं किया जाएगा।
रांची के मोरहाबादी मैदान, धुर्वा के एचईसी, टाटीसिल्वे के ईईएफ ग्राउंड में हर साल रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतले का दहन किया जाता था।
लेकिन कोरोना वायरस संक्रमण के कारण बीते दो वर्षों से इसका आयोजन नहीं किया जा रहा है। शहर में सबसे बड़ा रावण दहन का आयोजन मोरहाबादी मैदान में किया जाता था। इस कार्यक्रम को देखने के लिए लोग दूर-दराज से पहुंचते थे।
पंजाबी-हिंदू बिरादरी की ओर से मोरहाबादी में रावण दहन का कार्यक्रम होता था। मुख्यमंत्री के हाथों रावण दहन किया जाता था।
पंजाबी-हिंदू बिरादरी के प्रवक्ता अरुण चावला ने बताया कि उनकी बिरादरी की ओर से 1946 से रावण, मेघनाद व कुंभकर्ण के पुतले का दहन किया जा रहा है। दशहरे के दिन पंजाबी ढोल-नगाड़ों के साथ पहला रावण दहन किया गया था।
इसमें करीब 400 लोग उपस्थित थे। हर साल रावण के पुतलों की बढ़ती लंबाई व लोगों की भीड़ के कारण 1960 से रावण दहन का कार्यक्रम मोरहाबादी में होने लगा। रावण दहन के लंबे इतिहास में पंजाबियों के अलावा मारवाड़ी समाज व अन्य समाज भी इस आयोजन में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिये।
समाजसेवी संदीप नागपाल ने बताया कि पहले रांची सहित पंजाब के तमाम शहरों में रावण का मुखौटा गधे का होता था। लेकिन 1953 के बाद रावण के पुतले का मुख्य मुखौटा मानव मुख का बनने लगा।
वर्ष 1949 तक रावण के पुतले का निर्माण मेन रोड स्थित डिग्री कालेज के बरामदे में हुआ करता था। संदीप के पिता दिवंगत अशोक नागपाल रावण दहन के आयोजन में बढ़-चढ़ कर भाग लेते थे।
अरुण चावला ने बताया कि हम सरकार की ओर से दशहरे को लेकर जारी किए गाइडलाइन का समर्थन करते हैं।
कोरोना के प्रकोप को देखते हुए इस बार भी रावण दहन का आयोजन नहीं किया जाएगा। रावण दहन के कार्यक्रम में लोगों की काफी भीड़ जमा हो जाती है। ऐसे में इस कार्यक्रम का आयोजन करना उचित नहीं होगा।
दूसरी ओर दुर्गा पूजा का पंडाल घूम रहे रामलगन महली ने कहा कि रावण दहन का कार्यक्रम को लेकर बच्चे से लेकर बूढ़े तक उत्साहित होते हैं। लेकिन मेला नहीं लगने से सबसे ज्यादा दुखी बच्चे हैं।
जबकि श्रवण गोप का कहना है कि कोरोना का संक्रमण अब धीरे-धीरे समाप्त होते जा रहा है। लेकिन सरकार के गाइडलाइन का पालन करते हुए इस बार भी रावण दहन का कार्यक्रम नहीं हो रहा है।
इस संबंध में रांची के उपायुक्त छवि रंजन ने बताया कि कोरोना को लेकर सरकार के गाइडलाइन के मद्देनजर रावण दहन का कार्यक्रम नहीं होगा।