New Rule of RBI: रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) ने राज्य सरकारों की ओर से गारंटी जारी करने को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। अमूमन गारंटी (Guarantee) किस कारण से जारी की गई है। सरकार किस तरह की गारंटी ले रही है।
इसका विवरण गारंटी में दर्ज नहीं होता है। जिसके कारण अब रिजर्व बैंक ने राज्य सरकारों को गारंटी (Guarantee) जारी करने पर उसे परिभाषित करने की अनिवार्यता कर दी है।
राज्य सरकार को गारंटी की अवधि बतानी होगी
RBI ने जो नया नियम लागू किया है। उसमें राज्य सरकार को गारंटी की अवधि बतानी होगी। गारंटी सशर्त है, या बिना शर्त है।
गारंटी को वित्तीय परफॉर्मेंस गारंटी के रूप में विभाजित नहीं किया जाना चाहिए। सरकार अब जो भी गारंटी जारी करेगी।
उसमें उसे सारी जानकारी स्पष्ट रूप से राज्य सरकार को देनी होगी।
राज्य सरकारों को एक सीमा में रहकर ही गारंटी देनी चाहिए
रिपोर्ट में कहा गया है, कि राज्य सरकारों (State Governments) को एक सीमा में रहकर ही गारंटी देनी चाहिए। सरकार बैंक से जो लोन ले रही है। उसकी मूल राशि और सामान्य ब्याज के बराबर ही गारंटी दिए जाने का प्रावधान करना होगा। कामर्शियल उधार लेने पर सरकार Guarantee जारी नहीं कर सकती है।
यदि कोई प्रोजेक्ट लोन है, तो सरकार उस प्रोजेक्ट के 80 फ़ीसदी लागत की ही गारंटी दे सकती है। किसी कंपनी या निजी संस्थान को राज्य सरकार के गारंटी देने पर रोक लगाई गई है। 7 जुलाई 2022 को वित्त सचिवों की 32वीं कॉन्फ्रेंस में गारंटी को लेकर चर्चा की गई थी। इसकी रिपोर्ट पेश हो गई है।
यह मुद्दा इसलिए भी गर्मा गया था, कि राज्य सरकारें बैंकों से लोन लेने धडाधड गारंटी जारी कर रही हैं।