नई दिल्ली: देश के निजी क्षेत्र के सबसे बड़े ऋणदाता एचडीएफसी बैंक ने रिजर्व बैंक को अपनी सेवाओं में बाधा के मुद्दे को हल करने के लिए विस्तृत कार्रवाई योजना सौंपी है।
बैंक ने जताया है कि वह तीन महीने में अपने प्रौद्योगिकी प्लेटफॉर्म में सुधार कर लेगा। एचडीएफसी बैंक के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि रिजर्व बैंक को सौंपी गई कार्रवाई योजना पर प्रगति हुई है।
बैंक ने इस सकारात्मक तरीके से लिया है। इससे बैंक का मानक बढ़ेगा। विश्लेषकों की बैठक में अधिकारी ने कहा कि कार्रवाई योजना के क्रियान्वयन में 10 से 12 सप्ताह का समय लगेगा।
आगे की समयसीमा रिजर्व बैंक के निरीक्षण पर निर्भर करेगी। संतुष्टीकरण के स्तर के बाद नियामक प्रतिबंध हटाएगा।
आरबीआई ने पिछले महीने एचडीएफसी बैंक पर अस्थाई रूप से नई डिजिटल बैंकिंग पहल शुरू करने और नए क्रेडिट कार्ड जारी करने पर रोक लगा दी थी।
पिछले दो साल के दौरान बैंक की सेवाओं में आ रही बाधाओं को गंभीरता से लेकर आरबीआई ने यह कदम उठाया था।
एचडीएफसी बैंक ने शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कहा था कि रिजर्व बैंक ने दो दिसंबर, 2020 को यह आदेश जारी किया था।
बैंक की इंटरनेट बैंकिंग/मोबाइल बैंकिंग/भुगतान सुविधाओं में पिछले दो साल के दौरान और हाल के समय में 21 नवंबर, 2020 को आई अड़चनों के मद्देनजर रिजर्व बैंक ने यह कदम उठाया है।
एचडीएफसी बैंक ने कहा कि 21 नवंबर को प्राइमरी डेटा केंद्र में बिजली की गड़बड़ी की वजह से उसकी सेवाएं बाधित हुई थीं।
इसके पहले नवंबर, 2018 और दिसंबर, 2019 में सेवाओं में बाधा की वजह से बैंक पर जुर्माना लगाया गया था।
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि नियामक बैंक में कुछ खामियों को लेकर चिंतित है। साथ ही यह जरूरी है कि एचडीएफसी बैंक विस्तार से पहले अपनी आईटी प्रणाली को मजबूत करे।