Rebel Groups in Syria: सीरिया में विद्रोही गुटों ने राष्ट्रपति बशर अल-असद (President Bashar al-Assad) की दो दशक से भी पुरानी सत्ता को उखाड़ फेंका है और राजधानी दमिश्क पर कब्जा कर लिया है।
इस बीच वाशिंगटन ने आतंकवादी सूची में शामिल समूह इस्लामिक स्टेट (ISIS) के नियंत्रण वाले स्थलों पर बमबारी की है।
असद सरकार के गिरने के बाद से अमेरिका दुविधा में है क्योंकि दमिश्क पर कब्जा करने वाले विद्रोहियों का नेतृत्व एक ऐसे संगठन द्वारा किया जा रहा है जिसे अल-कायदा से रिश्तों के कारण आतंकवादी के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। संगठन का नाम नाम हयात तहरीर अल-शाम (HTS) है।
राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने रविवार को सीरिया में असद शासन के असाधारण पतन को ‘जोखिम का क्षण’ और ‘ऐतिहासिक अवसर’ कहा।
यूएस प्रेसिडेंट ने कहा, “यह लंबे समय से पीड़ित सीरियाई लोगों के लिए अपने गौरवशाली देश के बेहतर भविष्य का निर्माण करने का ऐतिहासिक अवसर है।”
इसके साथ ही बाइडेन ने कहा, “यह जोखिम और अनिश्चितता का भी क्षण है। हम सभी इस सवाल पर विचार कर रहे हैं कि आगे क्या होगा? संयुक्त राज्य अमेरिका अपने साझेदारों और सीरिया में हितधारकों के साथ मिलकर काम करेगा।”
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, “आज ही, अमेरिकी सेना ने सीरिया के भीतर ISIS शिविरों और ISIS के गुर्गों को निशाना बनाते हुए एक दर्जन सटीक हमले, हवाई हमले किए।” उन्होंने कहा, “हम इस तथ्य के बारे में स्पष्ट हैं कि आईएसआईएस इन हालात का फायदा उठाने की कोशिश करेगा। हम ऐसा नहीं होने देंगे।”
जो बाइडेन ने कहा, “इसमें कोई संदेह नहीं है कि असद को सत्ता से हटाने वाले कुछ विद्रोही समूहों का आतंकवाद और मानवाधिकारों के हनन का गंभीर रिकॉर्ड है।”
बाइडेन ने कहा…
अमेरिका ने अल-असद के नियंत्रण से बाहर के क्षेत्रों में लगभग 1,000 सैनिकों को तैनात किया है, जो मुख्य रूप से इस्लामिक स्टेट से लड़ने वाले कुर्द विद्रोहियों को प्रशिक्षण दे रहे हैं।
बाइडेन ने कहा कि अमेरिकी सैनिक वहां बने रहेंगे और ISIS आतंकवादियों के लिए हिरासत केंद्र बने रहेंगे।
यूएस सेंट्रल कमांड (सेंटकॉम) ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि आईएसआईएस को कमजोर करने और उसे हराने के चल रहे मिशन के हिस्से के रूप में ISIS नेताओं, गुर्गों और शिविरों के खिलाफ 75 से अधिक हमले किए गए।
जनरल एरिक कुरिल्ला, जो सेंटकॉम की कमान संभालते हैं, ने अन्य संगठनों को चेतावनी दी, “सीरिया में सभी संगठनों को पता होना चाहिए कि अगर वे किसी भी तरह से ISIS के साथ साझेदारी करते हैं या उसका समर्थन करते हैं, तो हम उन्हें जवाबदेह ठहराएंगे।”
HTS नेता अबू मोहम्मद अल-गोलानी भी अमेरिकी आतंकी सूची में हैं। हालांकि उसका दावा है कि उसने अल-कायदा से अपने संबंध समाप्त कर लिए हैं।
इस बात पर सवाल बने हुए हैं कि सुन्नी HTS चरम इस्लामी नियमों को लागू करने में किस हद तक आगे बढ़ेगा और यह शिया और अलवाइट्स जैसे गैर-सुन्नी मुसलमानों और ईसाइयों जैसे अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ कैसा व्यवहार करेगा।