वक्फ बोर्ड बिल के विरोध में जामताड़ा में उमड़ा जनसैलाब

कार्यक्रम के समापन पर प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति के नाम उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा। अब देशभर की नजरें इस पर टिकी हैं कि सरकार इस व्यापक वक्फ बिल विरोध को किस दृष्टिकोण से देखती है और आगे क्या निर्णय लेती है।

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WAQF Amendment Act: केंद्र सरकार द्वारा लाया गया वक्फ संशोधन बिल 2025 मंगलवार को जामताड़ा में विरोध का कारण बना, जब मुस्लिम समाज के हजारों लोग सड़कों पर उतर आए। मुस्लिम मंच के आह्वान पर गांधी मैदान से शुरू हुई यह विशाल रैली अनुमंडल कार्यालय तक पहुंची, जहां एक जनसभा के रूप में बदलकर सरकार के खिलाफ आक्रोश प्रकट किया गया।

गांधी मैदान से अनुमंडल तक विरोध का मार्च

हाफिज नाजीर हुसैन के नेतृत्व में हजारों की संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग रैली में शामिल हुए। सभी ने काली पट्टियां बांधकर और विरोधी तख्तियां लेकर वक्फ संशोधन बिल को संविधान विरोधी करार दिया। रैली शहर के मुख्य मार्गों से होते हुए अनुमंडल कार्यालय पहुंची, जहां एक सभा में बदलकर बिल रद्द करने की मांग की गई।

वक्फ बिल को बताया धार्मिक स्वतंत्रता का हनन

मुख्य वक्ता एस अली ने कहा कि यह संशोधित अधिनियम संविधान की भावना, समानता के अधिकार और धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करता है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने मुस्लिम समाज की राय लिए बिना एकपक्षीय ढंग से यह कानून पारित कराया है, जो लोकतंत्र की आत्मा के खिलाफ है।

यह साज़िश है मुसलमानों को कमजोर करने की

सभा में मंच पर मौजूद नेताओं ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि यह बिल वक्फ संपत्तियों को नियंत्रित करने के बहाने मुस्लिम समाज को हाशिए पर धकेलने की साज़िश है। उन्होंने कहा कि सरकार का रवैया जनविरोधी है और इससे धार्मिक अधिकारों का हनन हो रहा है।

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स्लोगनों से गूंज उठा शहर, प्रशासन रहा चौकस

सभा के दौरान ‘नरेंद्र मोदी मुर्दाबाद’, ‘अमित शाह तेरी तानाशाही नहीं चलेगी’, ‘नीतीश कुमार मुर्दाबाद’ जैसे नारों से माहौल गरमाया रहा। जामताड़ा थाना प्रभारी राजेश मंडल दल-बल के साथ मौके पर तैनात रहे और स्थिति शांतिपूर्ण बनी रही।

गर्मी में भी सेवा भावना, कार्यकर्ताओं ने किया जल वितरण

तेज़ धूप और गर्मी को देखते हुए मुस्लिम मंच के कार्यकर्ताओं ने रैली में शामिल लोगों के लिए पानी की व्यवस्था की, जिससे सामाजिक सद्भाव का संदेश भी मिला। यह प्रदर्शन न केवल विरोध का प्रतीक बना बल्कि समुदाय की एकता और चेतना का भी प्रमाण बन गया।

राष्ट्रपति को सौंपा गया ज्ञापन, सरकार के जवाब का इंतज़ार

कार्यक्रम के समापन पर प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति के नाम उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा। अब देशभर की नजरें इस पर टिकी हैं कि सरकार इस व्यापक वक्फ बिल विरोध को किस दृष्टिकोण से देखती है और आगे क्या निर्णय लेती है।

 

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