नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने कथित दुष्कर्म (Rape) मामले में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता शाहनवाज हुसैन (Shahnawaz Hussain) और उनके भाई शाहबाज हुसैन के खिलाफ FIR दर्ज करने के सेशंस कोर्ट (Sessions Court) के आदेश को रद्द कर दिया है।
जस्टिस अमित महाजन (Amit Mahajan) की Bench ने सोमवार को सेशंस कोर्ट को इस मामले पर नए सिरे से विचार करने और Shahnawaz Hussain और उनके भाई को अपना पक्ष रखने देने का आदेश दिया।
सेशंस कोर्ट के FIR दर्ज करने के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई
इस मामले में पटियाला हाउस कोर्ट (Patiala House Court) के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने FIR दर्ज करने का आदेश देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद पीड़ित ने Sessions Court में याचिका दायर की थी।
सेशंस कोर्ट के FIR दर्ज करने के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी। High Court ने इस बात पर गौर किया कि सेशंस कोर्ट ने सुनवाई करते समय शाहनवाज हुसैन और उनके भाई को Notice जारी कर उनका पक्ष नहीं सुना।
शाहबाज ने दुष्कर्म किया
आरोप लगाने वाली महिला एक गैर सरकारी संस्था (NGO) का संचालन करती है। उसका आरोप है कि शाहबाज हुसैन ने अपने को BJP नेता का भाई बताया।
इससे वह प्रभावित हुई। दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ीं। शाहबाज ने दुष्कर्म (Rape) किया। विरोध करने पर शादी का वादा किया। बाद में पता चला कि शाहबाज विवाहित है और उनके बच्चे हैं।
पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की
इसके बाद वह Shahnawaz Hussain के पास मदद के लिए पहुंची। शाहनवाज हुसैन ने उसे शांत करते हुए कहा कि इस पर हाय तौबा न मचाये। यह दोनों के लिए नुकसानदायक होगा।
महिला की शिकायत के मुताबिक जनवरी 2017 में शाहबाज ने एक मौलवी की उपस्थिति में उससे शादी (Marriage) की। बाद में पता चला कि मौलवी ने शादी का फर्जी प्रमाण-पत्र दिया है। इसके बाद महिला ने शिकायत दर्ज कराई, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।