रांची: झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में गुरुवार को विधानसभा में नमाज (Namaz In Assembly) पढ़ने के लिए कक्ष आवंटन (Room Allocation) करने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई।
मामले में झारखंड विधानसभा (Jharkhand Assembly) की ओर से शपथ पत्र दायर कर बताया गया कि मामले को लेकर सात सदस्यों वाली कमेटी गठित की गई है, जिसकी रिपोर्ट अब तक नहीं आई है।
नमाज कक्ष को लेकर एक रिपोर्ट मंगाई गई
इस पर High Court ने विधानसभा को पांच सप्ताह में कमेटी की रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया।
विधानसभा की ओर से अधिवक्ता अनिल कुमार (Anil Kumar) ने पैरवी की। उनकी ओर से बताया गया है कि विधानसभा में सभी राजनीतिक पार्टियों में से सात विधायकों की एक कमेटी बनाई गई है, जो विधानसभा में नमाज कक्ष के बारे में रिपोर्ट देगी।
पिछली सुनवाई में कोर्ट को बताया गया था कि देश के अलग-अलग राज्यों के विधानसभा से नमाज कक्ष को लेकर एक रिपोर्ट मंगाई गई है।
किसी समुदाय विशेष के लिए विधानसभा में कक्ष नहीं होना चाहिए
उनकी रिपोर्ट के आधार पर कानूनी पक्ष को देखते हुए इस संबंध में बनी कमेटी अपना रिपोर्ट देगी। यह देखा जा रहा है कि देश के किन- किन राज्यों के विधानसभा में नमाज कक्ष की व्यवस्था (Arrangement of Namaz Room in the Assembly) है।
उल्लेखनीय है कि झारखंड विधानसभा के भवन में मुस्लिम धर्मावलंबियों (Muslims) के लिए नमाज पढ़ने के लिए वर्ष 2021 में कमरा आवंटित किया गया था।
इसके बाद से यह मामला विवादों में है। याचिकाकर्ता ने याचिका दाखिल कर कहा है कि झारखंड सेकुलर राज्य (Secular State) है। इसलिए किसी समुदाय विशेष के लिए विधानसभा में कक्ष नहीं होना चाहिए।