मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय (Bombay High Court) ने विदेश यात्रा के लिए लुक आउट सर्कुलर (LOC) पर अस्थायी रूप से रोक लगाने के अनुरोध को लेकर अंतिम समय पर आवेदन दाखिल करने पर नाखुशी जताई और कहा कि इस तरह की परिपाटी स्वीकार्य (Customary Accepted) नहीं है।
न्यायमूर्ति गौतम पटेल और नीला गोखले (Gautam Patel and Nila Gokhale) की खंड पीठ ने 23 जून के अपने आदेश में कहा कि अदालत से अनुमति का अनुरोध करने से पहले ही आवेदकों द्वारा अपने यात्रा कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया जाता है और इसके बाद आवेदन दायर किए जाते हैं।
आवेदन को बिना बारी के प्राथमिकता के आधार पर लिया जाएगा
अदालत ने कहा, ‘‘यहां सवाल यह नहीं है कि कोई अधिकार है जिसका उल्लंघन हुआ है। इन सभी आवेदनों में, ऐसा प्रतीत होता है कि अदालत (Court) के बारे में यह मान लिया गया कि उससे अनुमति मिल जाएगी।
मामले को और अधिक महत्वपूर्ण है कि आवेदन को बिना बारी के प्राथमिकता के आधार पर लिया जाएगा और उनके यात्रा के कार्यक्रम को बरकरार रखते हुए आवेदन को स्वीकृति दे दी जाएगी।’’
पीठ ने कहा, ‘‘यह स्वीकार्य नहीं है।’’ पीठ ने अपने आदेश में कहा कि LOC पर रोक का अनुरोध करने वाले लोगों को समय रहते अदालत का रुख करने की जरूरत है और अदालतों पर ‘दबाव डालने का प्रयास नहीं’ करना चाहिए।
LOC पर अस्थायी रूप से रोक लगाने कि अनुरोध
अदालत ने कहा कि जब अंतिम समय में आवेदन दायर (Application Filed) किए जाते हैं तो यह ‘बहुत बाधा डालने वाला’ हो जाता है, क्योंकि आदेशों को पारित करना होता है, तुरंत प्रतिलेखित करना होता है और फिर हस्ताक्षर करने के बाद अपलोड करना होता है।
पीठ संजय दांगी (Sanjay Dangi) की ओर से दायर एक आवेदन पर सुनवाई कर रही थी जिसमें विदेश यात्रा के लिए उनके खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) द्वारा जारी LOC पर अस्थायी रूप से रोक लगाने कि अनुरोध किया गया था।