नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेताओं ने दावा किया है कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) को मेडिकल शिक्षा सीटों में आरक्षण देने के केंद्र सरकार के फैसले से पार्टी को पांच राज्यों में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में मदद मिलेगी। पार्टी यह भी मानते है कि खासकर उत्तर प्रदेश में इससे अधिक लाभ होगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने चिकित्सा पाठ्यक्रमों के लिए अखिल भारतीय कोटा (एआईक्यू) योजना में ओबीसी को 27 प्रतिशत और ईडब्ल्यूएस को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय लिया।
भाजपा का मानना है कि इस फैसले से पार्टी को उत्तर प्रदेश में 40 फीसदी ओबीसी वोटबैंक पर अपनी मौजूदगी मजबूत करने में मदद मिलेगी। भगवा खेमा गैर-यादव ओबीसी पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है, जो राज्य की आबादी का लगभग एक तिहाई हिस्सा हैं।
उत्तर प्रदेश के एक वरिष्ठ पार्टी नेता ने कहा कि इस फैसले से पार्टी को चुनावी राज्यों में ओबीसी और ईडब्ल्यूएस दोनों वर्ग का समर्थन प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा, उत्तर प्रदेश में ओबीसी की एक निर्णायक उपस्थिति है और इस निर्णय से पार्टी को नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकारों के अन्य जन-केंद्रित उपायों के साथ-साथ उनका समर्थन हासिल करने में मदद मिलेगी। सबका साथ, सबका विकास के लिए भाजपा की प्रतिबद्धता दिखाई दे रही है।
उन्होंने यह भी दावा किया कि उत्तर प्रदेश में ओबीसी का सबसे बड़ा वोट शेयर है और वे किसी भी पार्टी के चुनावी भाग्य को तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
उन्होंने दावा किया, यादवों को छोड़कर, जिन्हें समाजवादी पार्टी का समर्थक माना जाता है, अन्य सभी ओबीसी समुदाय भाजपा के समर्थन में आएंगे।
पार्टी का मानना है कि गुरुवार को लिए गए फैसले से हर साल करीब 5,550 छात्रों को फायदा होगा।
भाजपा के एक पदाधिकारी ने कहा कि इस फैसले से पार्टी को ओबीसी/ईडब्ल्यूएस वर्ग का समर्थन हासिल करने में मदद मिलेगी, जिसमें सवर्ण और अन्य धर्म भी शामिल हैं।
उन्होंने कहा, इस फैसले से हमें देश भर में ओबीसी और ईडब्ल्यूएस के बीच और जमीन हासिल करने में मदद मिलेगी और उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में आगामी विधानसभा चुनावों में भी चुनावी लाभ मिलेगा।
भाजपा के ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लक्ष्मण ने कहा, लंबे समय के बाद, अब हमारे पास मोदी सरकार है जो पिछड़े और ईडब्ल्यूएस श्रेणियों को उचित आरक्षण प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।