नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को एक याचिका दायर कर कर्नाटक हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें कक्षाओं में हिजाब पहनने की अनुमति देने संबंधी सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया गया था।
अधिवक्ता अनस तनवीर के माध्यम से दो मुस्लिम स्टूडेंट्स मनन और नीबा नाज द्वारा दायर याचिका में कहा गया है, याचिकाकर्ता बड़ी ही नम्रतापूर्वक यह प्रस्तुत करते हैं कि उच्च न्यायालय ने धर्म की स्वतंत्रता और अंतरात्मा की स्वतंत्रता का एक द्वंद्व पैदा करने में गलती की है,
जिसमें अदालत ने निष्कर्ष निकाला है कि जो लोग धर्म का पालन करते हैं उन्हें अंतरात्मा का अधिकार नहीं हो सकता है।याचिका में कहा गया है कि उच्च न्यायालय यह नोट करने में विफल रहा कि कर्नाटक शिक्षा अधिनियम, 1983 और उसके तहत बनाए गए नियम छात्रों द्वारा पहनी जाने वाली किसी भी अनिवार्य वर्दी का प्रावधान नहीं करते हैं।