रांची: झारखंड के कला संस्कृति को पहचान देने वाले गायक बंटी सिंह के निधन के बाद नागपुरी जगत के कलाकारों के बीच शोक की लहर है।
बंटी सिंह का बुधवार को निधन हो गया, हालांकि उनकी मौत की खबर मंगलवार की शाम से ही सोशल मीडिया पर शेयर हो रही थी, लेकिन तभी कुछ कलाकारों ने इस बात का खंडन करते हुए उन्हें स्वस्थ बताया था।
आज सुबह इस बात की पुष्टि कर दी गयी कि वो अब इस दुनिया में नहीं रहे। उन्हें सांस लेने में परेशानी होने पर रांची के गुरुनानक अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
बंटी सिंह पिछले चार दिनों से वेंटिलेटर पर थे। बंटी सिंह के निधन के बाद कलाकारों के बीच शोक की लहर है।
महज 35 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया है। उनके निधन के खबर से उनके चाहने वालों को सदमा लगा है।
सभी अचानक उनके निधन की खबर से स्तब्ध हैं। बंटी सिंह एक बेहतरीन डांसर थे उन्होंने झॉलीवुड को 20 सालों का समय दिया है।
लोग उन्हें झारखण्ड के सुपस्टार भी कहते थे क्योंकि उन्होंने उन्होंने अपने डांस और अभिनय कला से झारखंड को एक अलग पहचान दिलाई है। बंटी सिंह ने के डांस का हर कोई फैन था। उनके डांस को गोविंदा के डांस से तुलना किया जाता था।
अंतिम यात्रा पर निकले कलाकार बंटी सिंह, झारखंड के कला संस्कृति को पहचान देने वाले कलाकार बंटी सिंह नहीं रहें #newsaroma #jharkhand #bantisingh pic.twitter.com/nWRCNVqYdy
— News Aroma (@NewsAroma) February 2, 2022
लोग कहते थे की उनका बॉडी बहुत लचीला है गोविंदा की तरह। आज के बहुत से झारखंडी कलाकार उनसे प्रेरित होते हैं।
झॉलीवुड का एक सितारा आज डूब गया। बंटी सिंह ने नागपुरी, सादरी, खोरठा विडिओ में डांस कर एक अलग पहचान बनायीं थी।
बंटी सिंह के एलबम का नाम
मांदर बाजेला, नई नवेली, रेशमी रुमाल, चलती जमाना, पूनम रे, बेदर्दी गुईया, मोर दिला काले तोड़ देले, तोर दीवाना, दिलो जान से, महुआ पत्तई, बेदर्दी गुईया, प्यार के मोती, मंदाकिनी, असमिया छोड़ी, खोरठा भाषा मे मोर दिला के करले चोरी, मनचली, तोर दीवाना, प्रेम संदेश सहित करीब एक हजार से अधिक एलबमों में अपने डांस से काफी वाहवाही लूटी।