लंदन: Britain में अवैध तरीके (Illegal Ways) से प्रवेश करने वाले अप्रवासियों (Immigrants) के खिलाफ प्रस्तावित कानून (Proposed Legislation) को लेकर विरोध के स्वर उठ रहे हैं।
ब्रिटेन के PM ऋषि सुनक (Prime Minister Rishi Sunak) व गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन (Suella Braverman) को इस मामले में नारेबाजी का सामना करना पड़ा और विरोध कर रहे कुछ लोगों ने उनसे वापस जाने को भी कहा।
ब्रिटेन के PM ऋषि सुनकर छोटी नावों के माध्यम से Britain में प्रवेश करने वाले अवैध अप्रवासियों (Illegal Immigrants) पर कार्रवाई के लिए कानून बना रही है। ब्रिटेन (Britain) में इंग्लिश चैनल से नावों में बैठकर बड़ी संख्या में अवैध प्रवासी आ रहे हैं, इनकी रोकथाम के लिए कानून में विशेष प्रावधान किए गए हैं।
साथ ही ब्रिटेन में रह रहे अवैध प्रवासियों को वापस भेजा जाएगा
नए कानून के तहत ब्रिटेन के गृह मंत्री को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वह नौकाओं के जरिए ब्रिटेन में अवैध रूप से आ रहे प्रवासियों को रोकें। साथ ही ब्रिटेन में रह रहे अवैध प्रवासियों को वापस भेजा जाएगा।
ऋषि सुनक ने कहा भी है कि नौकाओं (Yachts) द्वारा ब्रिटेन में आ रहे अवैध प्रवासियों को रोकना उनकी पहली प्राथमिकता है। अवैध प्रवासी अब ब्रिटेन में नहीं रह सकेंगे।
ब्रिटिश PM ने कहा कि अवैध प्रवासी ब्रिटेन के करदाताओं, ब्रिटेन में वैध तरीके से आने वाले लोगों के लिए ठीक नहीं हैं। साथ ही यह ब्रिटेन के आपराधिक गिरोहों (Criminal Gangs) को भी फायदा पहुंचाते हैं।
ब्रिटेन के भीतर इस मसले पर सुनक के खिलाफ विरोध के स्वर मुखर हो रहे
ब्रिटेन के भीतर इस मसले पर सुनक के खिलाफ विरोध के स्वर मुखर हो रहे हैं। पुलिस अधिकारियों के साथ चेम्सफोर्ड की हाई स्ट्रीट पर गए सुनक व ब्रेवरमैन का कुछ लोगों ने विरोध किया। इस संबंध में वायरल एक Video में एक महिला चिल्ला रही है कि प्रवासियों को हमारे देश में आने दो। चले जाओ, हम तुम्हें यहां नहीं चाहते।
हालांकि, दोनों नेताओं ने इसे नजरअंदाज करके आपस में बातचीत जारी रखी। पांच मिनट से कुछ अधिक चलने के बाद सुनक को चेम्सफोर्ड बॉक्सिंग क्लब (Chelmsford Boxing Club) ले जाया गया जहां उन्होंने सभा को संबोधित किया और अपने असामाजिक व्यवहार कार्य योजना (Antisocial Behavior Action Plan) के बारे में सवालों के जवाब दिए।
असामाजिक आचरण कार्य योजना के तहत मादक पदार्थों से संबंधित अपराधों और आपराधिक गतिविधियों (Criminal Activities) पर अंकुश व सजा के लिए पुलिस को अतिरिक्त अधिकार दिए हैं।