New Delhi : सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को देश में सांप के काटने से होने वाली मौतों में वृद्धि और Anti-venom की कमी को लेकर गंभीर चिंता जाहिर की है। Justice BR Gawai और Justice SVN Bhatti की डबल बेंच ने इस मुद्दे पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार से आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए।
कोर्ट ने कहा कि यह मामला मुकदमेबाजी से हल नहीं हो सकता, बल्कि केंद्र और राज्यों को मिलकर इसका समाधान खोजना होगा।
दायर याचिका में बताया गया कि भारत में हर साल लगभग 58 हजार लोग सांप के काटने से अपनी जान गंवाते हैं। यह आंकड़ा पूरी दुनिया में सबसे अधिक है।
याचिकाकर्ता का कहना है, कि एंटी-वेनम की कमी के कारण देश Public Health Crisis का सामना कर रहा है। कोर्ट ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह समस्या पूरे देश में फैली हुई है, और इसे हल करने के लिए राज्यों के साथ बैठक कर जरूरी उपाय किए जाएं।
केंद्र सरकार की ओर से पेश वकील ने बताया कि सरकार इस मुद्दे को लेकर सक्रिय है और जल्द ही इस दिशा में उठाए गए कदमों की रिपोर्ट कोर्ट में पेश की जाएगी। वहीं, कुछ राज्यों के वकीलों ने कहा कि वे अपना जवाबी हलफनामा दाखिल करेंगे। Supreme Court ने इस मामले की अगली सुनवाई 6 सप्ताह बाद तय की है।
सांप काटने से बचाव और एंटी-वेनम की उपलब्धता परजोर
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि देशभर में एंटी-वेनम की उपलब्धता सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है, खासकर ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में, जहां सांप के काटने की घटनाएं अधिक होती हैं। कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार को राज्यों के साथ मिलकर एक समग्र रणनीति बनानी चाहिए ताकि इस समस्या का स्थायी समाधान निकाला जा सके।
इस मामले में कोर्ट के निर्देश के बाद अब केंद्र और राज्य सरकारों पर दबाव बढ़ गया है कि वे जल्दी ही इस समस्या का हल निकालें। यह उम्मीद की जा रही है कि समन्वित प्रयासों से एंटी-वेनम की कमी को दूर किया जा सकेगा और हर साल हजारों लोगों की जान बचाई जा सकेगी।