न्यूज़ अरोमा रांची: राजद सुप्रीमो व बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को जमानत के लिए अभी और इंतजार करना होगा। हाईकोर्ट में शुक्रवार को लालू की जमानत मामले में सुनवाई होनी थी।
पर बचाव और सीबीआई दोनों ही पक्षों की ओर से समय की मांग की गई है। इसके बाद हाईकोर्ट ने सुनवाई 6 सप्ताह के लिए टाल दी है।
लालू के अधिवक्ता प्रभात कुमार ने बताया कि लालू यादव की सजा अवधी और अन्य चीजों पर जवाब दिए जाने के लिए अदालत से समय मांगा गया है।
वहीं सीबीआई के वकील ने भी निजी कारणों का हवाला देते हुए अदालत से समय देने की मांग की। जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया।
उन्होंने बताया कि अभी भी उन्हें लोअर कोर्ट की ओर से मांगे गए दस्तावेज की सर्टिफाइड कॉपी नहीं मिली है। अब इस मामले में अगली सुनवाई झारखंड हाईकोर्ट में 6 सप्ताह बाद की जाएगी।
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ल्लेखनीय है कि इससे पूर्व भी दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले में लालू की जमानत याचिका पर दो बार सुनवाई टाली जा चुकी है।
दुमका कोषागार मामले में लालू को 7 साल की सजा हुई थी ।लालू के वकील ने सजा की आधी अवधि पूरी हो जाने को आधार बनाते हुए जमानत अर्जी दाखिल की थी।
लालू के वकील का कहना था कि 42 माह से ज्यादा समय लालू जेल में बीता चुके हैं।
जबकि सीबीआई का कहना था कि लालू इस मामले में 34 माह ही जेल में रहे हैं लालू यादव को पहले ही चारा घोटाला के तीन मामलों में जमानत दी जा चुकी हैं। जबकि डोरंडा कोषागार मामले में आखिरी सुनवाई चल रही है।
लालू ने दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में झारखंड हाई कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की है।
लालू की तबीयत ठीक जेल भेजा जाए :सीबीआई
इसी बीच सीबीआई की ओर से हाईकोर्ट में गुरुवार को एक पूरक शपथ पत्र दाखिल किया गया है जिसमें कहा गया है कि लालू प्रसाद की तबीयत स्थिर है और फोन प्रकरण मामले में उनके खिलाफ पटना में प्राथमिकी भी दर्ज हो गई है।
उन्होंने जेल मैनुअल का उल्लंघन किया है ऐसे में उन्हें भी मुझसे बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा भेज देना चाहिए। पिछली सुनवाई के दौरान सीबीआई लालू के फोन पर करण कब होगा अदालत में उठा चुकी हैं।
मालूम हो कि लालू को देवघर कोषागार के से 79 लाख रुपए की निकासी में पहले ही जमानत मिल चुकी है।
इस केस में उन्हें साढ़े 3 साल की सजा सुनाई गई थी। इसके अलावा चाईबासा कोषागार से 33.13 करोड़ रुपए की निकासी में भी उन्हें इस केस में उन्हें 5 साल की सजा सुनाई गई थी।
वही दुमका ट्रेजरी मामले में उन्हें 7 साल की सजा सुनाई गई है। इस मामले में दो बार सुनवाई टाली जा चुकी है।