Road Accident Report : जिले के थाना प्रभारियों से मोटर दुर्घटना (Accident) दावा न्यायाधिकरण के पीठासीन अधिकारी मनीष ने एक सेमिनार में कहा कि जितने भी सड़क हादसे होते हैं, सभी की प्रथम दुर्घटना जांच रिपोर्ट 48 घंटे के अंदर कोर्ट (Court) में जमा करना जरूरी है।
रिपोर्ट फॉरमेट में पूरी तरह भरकर FIR के साथ जमा करनी है। लेकिन, जांच अधिकारी इसका पालन नहीं कर रहे हैं।
परिजन को समय पर मिलेगा मुआवजा
घटनास्थल पर जांच अधिकारी को जाना है, वहां फोटोग्राफी (Photography) करनी है, संभव हो तो उसका वीडियो रिकॉर्डिंग (Video Recording) भी करें।
जांच में कोताही अब नहीं चलेगी। तभी पीड़त या उसके परिजन को समय पर मुआवजा मिलेगा। यह बातें उन्होंने झालसा के दिशा-निर्देश पर डालसा रांची के बैनर तले शनिवार को मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण पर आयोजित एक दिवसीय सेमिनार में बतौर मुख्य अतिथि कही।
सेमिनार का आयोजन रांची सिविल कोर्ट (Ranchi Civil Court) के 40 कोर्ट भवन के सभागार में किया गया था।
जज मनीष ने संशोधित कानून की विस्तृत जानकारी दी। ग्रामीण SP अमित अग्रवाल ने कहा जांच अधिकारी को प्रोफेशनल एप्रोच के साथ सड़क दुर्घटना (Road Accident) की जांच करें।
यहां से जो जानकारी मिलेगी उसे आरक्षी तक को बताएं। दुर्घटना कम से कम हो इस पर फोकस करना है।
मंच का संचालन डालसा सचिव राकेश रंजन ने किया। सेमिनार में जिले सभी थानेदार, इंश्योरेंस कंपनी के प्रतिनिधि, पीएलवी, लीगल एड डिफेन्स कौंसिल सिस्टम के सदस्य, पैनल अधिवक्ता मौजूद थे। मंच का संचालन डालसा सचिव राकेश रंजन ने किया।