नई दिल्ली: वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) मुआवजे की कमी को पूरा करने के लिए आज राज्यों को 6,000 करोड़ रुपये की 14वीं किश्त जारी की है।
इसमें से 5,516.60 करोड़ रुपये की राशि 23 राज्यों को तथा 483.40 करोड़ रुपये की राशि उन विधानसभा वाले 3 केन्द्र शासित प्रदेशों (दिल्ली, जम्मू-कश्मीर और पुदुचेरी) को प्रदान की गई है, जो जीएसटी परिषद के सदस्य हैं।
बकाया पांच राज्यों – अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मिजोरम, नगालैंड और सिक्किम में जीएसटी कार्यान्वयन के कारण राजस्व का कोई अंतर नहीं है।
अभी तक, राज्यों और विधानसभा वाले केन्द्र शासित प्रदेशों को कुल अनुमानित जीएसटी मुआवजे की कमी की 76 प्रतिशत राशि जारी की जा चुकी है।
इसमें से 76,616.16 करोड़ रुपये की राशि राज्यों को और विधानसभा वाले तीन केन्द्र शासित प्रदेशों को 7,383.84 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है।
भारत सरकार ने जीएसटी कार्यान्वयन के कारण पैदा हुई 1.10 लाख करोड़ रुपये की कमी को पूरा करने के लिए अक्टूबर 2020 में एक विशेष उधार विंडो स्थापित की थी।
राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की ओर से भारत सरकार द्वारा इस विंडो के माध्यम से ऋण लिया जा रहा है।
23 अक्टूबर, 2020 से शुरू होने के बाद अब तक ऋण के 14 दौर पूरे हो चुके हैं।
इस सप्ताह जारी की गई राशि राज्यों को उपलब्ध कराई गई धनराशि की 14वीं किश्त थी।
अभी तक केन्द्र सरकार द्वारा इस विशेष उधार विंडो के माध्यम से 4.7395 प्रतिशत की औसत ब्याज दर पर 84,000 करोड़ रुपये की राशि उधार ली गई है।