साहिबगंज: 22 वर्षीय पहाड़िया युवती रुबिका के हत्याकांड (Rubika’s Murder) में पुलिस (Police) की प्राथमिकी में बड़ा खुलासा (Big Reveal) हुआ है।
बताया गया है कि आरोपी दिलदार अंसारी (Dildar Ansari) की मां मरियम निशा (Maryam Nisha)ने रुबिका की हत्या और शव ठिकाने लगाने के लिए अपने भाई को 20 हजार रुपए की सुपारी दी थी।
पुलिस ने कोर्ट (Court) से बुधवार को मरियम निशा और शव के टुकड़े करने वाले दिलदार के मामा के दोस्त मैनुल हक मोमिन को रिमांड (Remand) पर लिया है। कोर्ट ने 23 दिसंबर शुक्रवार तक दोनों को रिमांड पर रखने की अनुमति दी है।
इस दौरान पुलिस (Police) उनसे सच उगलवाने की कोशिश करेगी। रुबिका हत्याकांड में बोरियो थाना (Borio Police Station) की सब इंस्पेक्टर सुषमा कुमारी ने प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।
3 डॉक्टरों की टीम ने किया पोस्टमार्टम
फूलो-झानो मेडिकल कॉलेज व अस्पताल (Phulo-Jhano Medical College and Hospital) के डॉक्टरों की टीम साहिबगंज (Sahibganj) की रुबिका पहाड़िया के शव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट (Post Mortem Report) आज गुरुवार को दे देगी।
पोस्टमार्टम करने वाली टीम में तीन डॉक्टर शामिल थे। अस्पताल के एक डॉक्टर (Doctor) ने बताया कि रुबिका की तरह जिस तरह की दरिंदगी हुई, उसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है।
हत्यारों ने रुबिका के साथ ऐसी क्रूरता की थी कि शरीर से चमड़ी तक छील दिया। डॉक्टर ने बताया कि पोस्टमार्टम (Post Mortem) के लिए शरीर के 28 टुकड़े लाए गए थे। इनमें सिर, फेफड़ा, 7 अंगुलियां, बाएं हिस्से की पसली, पेट का हिस्सा समेत कई अंग नहीं हैं।
शव में दोनों किडनियां (Kidneys) आधी पाई गई हैं। बिसरा भी ज्यादा नहीं मिला है। बच्चेदानी मिली है, जिसे जांच के लिए संरक्षित कर लिया गया है। शव से बरामद हड्डी, नाखून और बच्चेदानी का बिसरा जांच के लिए भेजा जाएगा।
तेज हथियार से बर्बरता से शव के टुकड़े किए गए हैं। पैर की अंगुलियों को अलग-अलग हिस्सों में काटा गया है। हमने जीवन में पहली बार ऐसा पोस्टमार्टम किया है।
शव को देखकर ऐसा लग रहा था कि दो-तीन दिनों पहले रुबिका की हत्या की गई होगी। जब यहां शव लाया गया था, तब डि-कंपोस्ट (De-Compost) होना शुरू हो चुका था।
घरवालों को नहीं पसंद थी रुबिका
16 दिसंबर को दिलदार के बहन-भाई और रुबिका की बहन शीला पहाड़िया ने संयुक्त रूप से उसके लापता होने का सनहा दर्ज कराई थी। मामले की जांच का जिम्मा सब इंस्पेक्टर (Sub Inspector) सुषमा कुमारी को सौंपी गई थी।
पुलिस को पूछताछ में दिलदार के भाई आमिर अंसारी ने बताया था कि दिलदार की पहली शादी सरेजा खातून (Sareja Khatoon)के साथ हुई है। इसके दो साल बाद दिलदार ने रुबिका से लव मैरिज (Love Marriage) की।
आदिम जनजाति समुदाय की महिला होने के कारण दिलदार के घरवाले उसे पसंद नहीं करते थे। इस कारण दिलदार उसे कुछ समय तक बेंगलुरू (Bangalore) में रखा, फिर वापस आकर बोरियो में भाड़ा के मकान में रहने लगा।
घरवालों को दोनों का रिश्ता पसंद नहीं था। इसके बाद हत्या की योजना बनाई गई।
सिर के भी किए गए हैं कई टुकड़े
पुलिस सूत्रों (Police Sources)के अनुसार रुबिका के सिर को बरामद करना बहुत मुश्किल है। आरोपियों ने सिर के भी टुकड़े कर दिए हैं। पैर का अंगूठा मिलने के बाद उसकी नेल पालिश (Nail Polish)से शव की पहचान की जा सकती है।
पुलिस मैनुल अंसारी को गिरफ्तार नहीं कर सकी है। उसका मोबाइल (Mobile) बंद है, इसलिए पकड़ने में परेशानी हो रही है। हालांकि उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीमें लगातार छापा मार रही है।
दिलदार का मामा मैनुल अंसारी के घर पर रुबिका की हत्या की गई थी। मैनुल अंसारी के घर में जगह कम थी, इसलिए उसके दोस्त मैनुल हक मोमिन के घर शव ले जाया गया और जमीन पर प्लास्टिक (Plastic) बिछाकर शव के टुकड़े किए गए।
और फिर कुछ टुकड़ों को गली के कुत्तों को दे दिया गया तो वहीं कुछ टुकड़ों को दूर जाकर फेंक दिया गया।