Jharkhand Assembly: झारखंड विधानसभा के बजट सत्र में सोमवार को प्राइवेट स्कूलों (Private Schools) की मनमानी और पुलिस वसूली का मुद्दा गरमा गया।
भाजपा की झरिया विधायक रागिनी सिंह (Ragini Singh) ने आरोप लगाया कि झारखंड के कई प्राइवेट स्कूल हर साल री-एडमिशन के नाम पर फीस 10 से 20% तक बढ़ा रहे हैं।
इसके अलावा, स्कूल प्रशासन किताबों और यूनिफॉर्म पर भी अवैध कमीशन वसूल रहा है। अभिभावकों को विशेष दुकानों से ही खरीदारी करने के लिए मजबूर किया जाता है। उन्होंने कहा कि ये स्कूल गरीब माता-पिता का खून चूसने का काम कर रहे हैं।
शिक्षा मंत्री का जवाब: लगेगा जुर्माना
इस मुद्दे पर जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने कहा कि प्राइवेट स्कूलों की मनमानी रोकने के लिए फीस नियंत्रण समिति बनाई गई है, जिसमें अभिभावकों और शिक्षकों को शामिल किया गया है।
इसके अलावा, जिला स्तर पर उपायुक्त, सांसद और विधायक की अध्यक्षता में एक शुल्क नियमन समिति कार्यरत है। यदि कोई स्कूल नियमों का उल्लंघन करता है, तो उस पर ढाई लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
डोरंडा पुलिस पर रिश्वत मांगने का आरोप
भाजपा विधायक सीपी सिंह ने सदन में डोरंडा थाना पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने बताया कि रांची विधानसभा क्षेत्र के दो युवकों को पुलिस ने तीन दिन तक अवैध हिरासत में रखा और फिर पैसे की मांग की।
दोनों युवक केवल अपने निर्माणाधीन घर में पानी डालने जाते थे, लेकिन एक चोरी की घटना के बाद बिना सबूत उन्हें 72 घंटे तक थाने में बैठाए रखा गया। विधायक ने कहा कि यह पूरी तरह से अवैध हिरासत है और सरकार को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए।
निकाय चुनाव पर गरमाई बहस
जदयू विधायक सरयू राय ने सदन में नगर निकाय चुनाव में हो रही देरी का मुद्दा उठाया। उन्होंने पूछा कि सरकार ने हाईकोर्ट में चार महीने के अंदर चुनाव कराने की बात कही थी, जिसकी मियाद 16 मई को पूरी हो रही है। अगर सरकार ट्रिपल टेस्ट पूरा नहीं कर पाती, तो क्या बिना ओबीसी आरक्षण के चुनाव कराए जाएंगे?
इस पर मंत्री दीपक बिरुआ (Deepak Birua) ने बताया कि 21 जिलों में ट्रिपल टेस्ट पूरा हो गया है, जबकि तीन जिलों में प्रक्रिया जारी है। सरकार पूरी कोशिश कर रही है कि समय रहते काम पूरा हो जाए।
ओबीसी आरक्षण को लेकर सत्ता-विपक्ष में तकरार
भाजपा विधायक नवीन जायसवाल ने सरकार से सीधा सवाल किया कि क्या 16 मई तक हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार चुनाव होंगे? उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ओबीसी आरक्षण के नाम पर चुनाव में देरी कर रही है।
इस पर मंत्री सुदिव्य सोनू ने कहा कि सरकार पूरी तरह से ओबीसी को आरक्षण देने के पक्ष में है, लेकिन अगर समय की जरूरत पड़ी तो कोर्ट से और मोहलत मांगी जाएगी। उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले 27% आरक्षण घटाकर 14% करने का जिम्मेदार कौन था?
उन्होंने साफ किया कि सरकार की मंशा आरक्षण के साथ चुनाव कराने की है, लेकिन अगर परिस्थितियां अनुकूल नहीं हुईं, तो कोर्ट से समय बढ़ाने का अनुरोध किया जाएगा।