Russia-Ukraine War : यूक्रेन से जंग के बीच रूस के राष्ट्रपति (President of Russia) व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने ऐलान किया है कि वो बेलारूस में परमाणु हथियार तैनात करने जा रहे हैं।
1990 के दशक के बाद ये पहली बार होगा जब रूस अपनी सीमा के बाहर परमाणु हथियारों (Nuclear Weapons) की तैनाती करेगा।
पुतिन ने ये ऐलान ऐसे समय किया है जब यूक्रेन जंग (Ukraine War) को लेकर उनका पश्चिमी देशों के साथ तनाव बढ़ता जा रहा है।
पुतिन ने शनिवार को TV पर ऐलान करते हुए बताया कि बेलारूस (Belarus) के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको (Alexander Lukashenko) लंबे समय से टेक्टिकल न्यूक्लियर हथियारों (Tactical Nuclear Weapons) को तैनात करने का मुद्दा उठा रहे थे।
Belarus की सीमा Poland से लगती है, जो सैन्य गठबंधन नाटो का सदस्य है।
टेक्टिकल न्यूक्लियर वेपन की तैनाती कर रहा रूस
पुतिन ने कहा, ‘इसमें कुछ भी अजीब नहीं है। अमेरिका दशकों से ऐसा करते आ रहा है। वो लंबे समय से अपने सहयोगी देशों के इलाकों में Tactical Nuclear Weapon की तैनाती कर रहा है।’
पुतिन ने दावा किया कि रूस ये सब परमाणु अप्रसार संधि का उल्लंघन किए बिना कर रहा है।
हालांकि, उन्होंने ये नहीं बताया कि बेलारूस में इन हथियारों की तैनाती कब होगी।
लेकिन न्यूज एजेंसी ने बताया कि 1 जुलाई तक बेलारूस में इन हथियारों के लिए Storage तैयार हो जाएगा।
दो कैटेगरी में बांटा गया परमाणु हथियार
परमाणु हथियारों को दो कैटेगरी में बांटा गया है। एक है- स्ट्रैटजिक (Strategic) और दूसरा- टेक्टिकल (Tactical)।
स्ट्रैटजिक परमाणु हथियारों का इस्तेमाल लंबी दूरी के लिए किया जाता है। ज्यादा तबाही मचाने के लिए किया जाता है।
दूसरी ओर, टेक्टिकल परमाणु हथियार कम दूरी के लिए और कम तबाही मचाने के लिए होता है।
टेक्टिकल परमाणु हथियारों का इस्तेमाल सीमित स्तर पर होता है। इनका इस्तेमाल जंग के मैदानों और सैन्य ठिकानों को नुकसान पहुंचाने के इरादे से किया जाता है।
इनमें छोटे बम, मिसाइलें (Missiles) और माइन्स (Mines) भी शामिल होतीं हैं।
टेक्टिकल परमाणु हथियार छोटे साइज से लेकर बड़े साइज तक के हो सकते हैं।
छोटे हथियारों का वजन एक किलो टन या उससे भी कम होता है, जबकि बड़े साइज के हथियार 100 किलो टन तक के हो सकते हैं।
विश्लेषकों ने दी ये जानकारी
परमाणु हथियार कितने खतरनाक होंगे और इससे कितनी तबाही होगी? ये उनके साइज पर निर्भर करता है।
विश्लेषकों का मानना है कि स्ट्रैटजिक परमाणु हथियारों (Strategic Nuclear Weapons) को ज्यादा तबाही मचाने के लिए तैयार किया गया है, जबकि टेक्टिकल न्यूक्लियर हथियारों का इस्तेमाल कम तबाही के लिए होता है।
लेकिन Tactical Nuclear हथियार भी कम तबाही लेकर नहीं आते।
हिरोशिमा पर गिरे परमाणु बम से हो रही तुलना
इन हथियारों से होने वाले नुकसान का अनुमान लगाना हो तो उसकी तुलना हिरोशिमा (Hiroshima) में गिरे परमाणु बम से की जा सकती है।
हिरोशिमा पर 15 किलो टन का बम गिरा था और उससे डेढ़ लाख लोगों की मौत हो गई थी।
जबकि, America ने Europe में जो सबसे बड़ा Tactical Nuclear Weapon तैनात किया है, उसका वजन 170 किलो टन है।
कोल्ड वॉर के बाद अमेरिका और रूस, दोनों ने ही अपने परमाणु हथियारों की संख्या कम कर दी थी, लेकिन अब भी दुनिया में सबसे ज्यादा हथियार इन्हीं दोनों देशों के पास है।
फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट (Federation of American Scientists) का अनुमान है कि रूस के पास 5,977 और अमेरिका के पास 5,428 परमाणु हथियार हैं।