Russia-Ukraine War : रूस के परमाणु हथियारों (Nuclear Weapons) का जखीरा अब बेलारूस पहुंचने लगा है।
बेलारूस (Belarus) के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको (President Alexander Lukashenko) ने इसकी पुष्टि की है।
रूस के टीवी चैनल को दिए एक Interview में उन्होंने कहा कि हमें मिसाइलें और बम मिले हैं।
ये बम 1945 में हिरोशिमा और नागासाकी पर गिराए गए बमों से 3 गुना ज्यादा खतरनाक हैं।
1991 के बाद पहली बार रूस ने विदेशी धरती पर न्यूक्लियर वेपन (Nuclear Weapon) तैनात किए हैं।
लुकाशेंको ने बताया कि इन परमाणु हथियारों को रखने के लिए सोवियत संघ (Soviet Union) के समय की 6 न्यूक्लियर फैसिलिटीज (Nuclear Facilities) को ठीक किया गया।
उन्होंने कहा, पश्चिम के देश 2020 से हमें कई टुकड़ों में तोड़ना चाहते थे। हमेशा से हम उनका टारगेट रहे हैं। अब ये बदलेगा।
‘जरूरत पड़ी तो इस्तेमाल करने से हिचकिचाएंगे नहीं’
लुकाशेंको ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो हम इन हथियारों का इस्तेमाल करने से हिचकिचाएंगे नहीं।
इनके इस्तेमाल की मंजूरी के लिए मुझे सिर्फ पुतिन को फोन करने की जरूरत होगी। हालांकि, रूस ये साफ कर चुका है कि बेशक ये हथियार बेलारूस में हों, लेकिन इन पर कब्जा रूस (Russia) का ही रहेगा।
रूस की एटोमिक एजेंसी ही इनकी देखरेख करेगी। Lukashenko ने ये भी कहा है कि वो रूस के परमाणु हथियारों (Nuclear Weapons) को अपने बॉर्डर वाले इलाकों पर तैनात करेंगे।
बेलारूस का बॉर्डर 3 नाटो देशों से लगता है। इनमें लिथुएनिया, लातविया और पोलैंड शामिल हैं।
पुतिन ने 25 मार्च को बेलारूस में परमाणु हथियार तैनात करने की थी घोषणा
25 मार्च को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन (Vladimir Putin) ने बेलारूस में रूस के परमाणु हथियार तैनात करने की घोषणा की थी।
पुतिन ने कहा था कि बेलारूस के राष्ट्रपति लुकाशेंको (President Lukashenko) काफी समय से परमाणु हथियारों को उनके देश में तैनात करने की मांग कर रहे हैं।
बेलारूस के साथ रूस के करीबी सैन्य संबंध हैं। पुतिन ने कहा था कि रूसी परमाणु हथियारों की Belarus में तैनाती का कारण Britain का Ukraine को आर्मर पियर्सिंग शेल मुहैया कराना है, जिसमें यूरेनियम होता है।
उनका कहना था कि परमाणु हथियारों को Belarus में रख कर रूस वही कर रहा है जो अमेरिका ने कई दशकों से बेल्जियम, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड्स और तुर्की में परमाणु हथियारों को रख कर किया।
अंतरराष्ट्रीय संधि की अवहेलना नहीं
पुतिन ने यह भी कहा था कि रूस का ये कदम परमाणु हथियारों से जुड़ी किसी अंतरराष्ट्रीय संधि (International Treaty) की अवहेलना नहीं करता है।
जबकि, अमेरिका ने NATO सहयोगियों के इलाके में हथियार तैनात कर संधि का उल्लंघन किया है।
पुतिन ने यह साफ किया था कि बेलारूस में परमाणु हथियारों की देखरेख रूसी सैनिकों के हाथ में होगी।
इससे परमाणु अप्रसार समझौते का कोई उल्लंघन नहीं होता है।