हजारीबाग: वाराणसी-कोलकाता हाईवे (Varanasi-Kolkata Highway) निर्माण को लेकर जिले के कुल 26 गांव के भू-रैयत (Land Ryots) को जमीन अधिग्रहण (Acquisition of Land) के सिलसिले में प्रशासन (Administration) की तरफ से नोटिस भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
इससे पहले प्रथम फेज में जमीन अधिग्रहण (Land Acquisition) को लेकर सर्वे किया गया था, जबकि दूसरे फेज में जमीन अधिग्रहण के लिए भू-रैयतों (Land Ryots) को नोटिस मिलना शुरू हो गया है।
जमीन चिह्नित कर ली गई है
राष्ट्रीय राजमार्ग भारत माला प्रोजेक्ट (National Highway Bharat Mala Project) के तहत वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेस हाईवे (Varanasi-Kolkata Express Highway) का निर्माण होगा।
सर्वे के अनुसार इस हाईवे निर्माण में हजारीबाग जिले के पांच प्रखंड के 26 गांवों को यह सड़क पार करेगी, जिसके लिए जमीन चिह्नित कर ली गई है।
सड़क पश्चिम बंगाल में प्रवेश करेगी
वाराणसी-कोलकाता हाईवे (Varanasi-Kolkata Highway) निर्माण चतरा से होते हुए हजारीबाग के कटकमदाग में प्रवेश करेगी जहां पर सबसे पहले बेंदी गांव और फिर उदयपुर अडरा, कुबा, चीची, कुसुम्भा, पुंदरी, बेस, हारम आदि गांव के बाद डाडी प्रखंड के सीनगढ़ा, चेनपुर, बड़कागांव प्रखंड होते हुए रामगढ़ जिले में प्रवेश कर जाएगी।
झारखंड राज्य की बात करें तो चतरा, हजारीबाग, रामगढ़ और बोकारो होते हुए यह सड़क पश्चिम बंगाल में प्रवेश करेगी। यह राज्य में करीब 177 किलोमीटर तक फैला लंबा एक्सप्रेस हाईवे (Express Highway) होगा।
आठ लेन का होगा वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेस वे
प्रस्तावित वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेस (Varanasi-Kolkata Express) वे आठ लेन (Eight Lanes) का होगा, जिसके निर्माण होने से जहां कोलकाता व वाराणसी की दूरी कम होगी, वहीं वाहन चालक इस सड़क पर 120 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से अपना वाहन चला सकेंगे।
इस एक्सप्रेस वे (Expressway) के तहत हजारीबाग के पांच प्रखंडों में सबसे ज्यादा 14 गांव कटकमदाग प्रखंड के हैं जहां से हाईवे का आठ लेन (Eight Lanes) बनने जा रहा है।
हजारीबाग से कोलकाता जाने के लिए करीब सात घंटे का समय लगता है
हजारीबाग जिले के 26 गांव को पार करने में 32.4 किलोमीटर दूरी तय करनी होगी। इस हाईवे (Highway) के बन जाने से हजारीबाग से कोलकाता की दूरी 4 घंटे में तय कर सकेंगे, जबकि इस समय हजारीबाग से कोलकाता जाने के लिए करीब 7 घंटे का समय लगता है।
इस एक्सप्रेस वे (Expressway) के बनने से जहां यात्रा सुगम होगी, वहीं इसके साथ-साथ व्यापार का रास्ता (Way of Business) भी खुलेगा।