Sahara India : सहारा ग्रुप के फाउंडर सुब्रत रॉय सहारा की बीते दिनों मौत (Subrata Roy Sahara Death) के बाद, सहारा की वित्तीय योजनाओं में फंसे लोगों के पैसों का क्या होगा? हर निवेशक सवाल का जवाब चाहता है।
इस बीच खबर है कि मोदी सरकार सहारा-सेबी रिफंड अकाउंट (Sahara-SEBI Refund Account) में पड़ी लावारिस रकम को अपने कब्जे में ले सकती है। दरअसल रकम इस समय सहारा के निवेशकों को लौटाने के लिए स्पेशल Bank Accounts में पड़ी है।
पिछले 11 वर्षों से यह रकम पात्र निवेशकों को नहीं लौटी है। इसके बाद सुब्रत रॉय के निधन के बाद केंद्र इस पैसे को भारत सरकार की संचित निधि में जमा करा सकती है, जिससे यह रकम पात्र निवेशकों को लौटाई जा सके।
रिपोर्ट के अनुसार,रिफंड अकाउंट ओपन होने के बाद से पिछले 11 वर्षों में मुश्किल से ही कोई दावेदार सामने आया है। नाम नहीं छापने की शर्त पर एक अधिकारी ने कहा कि निवेशकों को पैसा वापस करने के लिए एक अलग खाते के साथ, पैसे को भारत की संचित निधि में रखने का विकल्प खोजा जा रहा है।
17,526 आवेदनों पर 138 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया
अगर दिए गए विवरणों के सत्यापन के बाद, सेबी अपने सभी या किसी भी ग्राहक का पता नहीं ढूंढ पाता है, तब इसतरह के ग्राहकों से एकत्र की गई राशि सरकार को आवंटित कर दी जाएगी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस फंड का इस्तेमाल गरीब समर्थक कार्यक्रमों या जन कल्याण (Supporting Programs or Public Welfare) के लिए किए जाने की उम्मीद है। 31 मार्च तक, समूह से वसूल की गई और सरकारी बैंकों में जमा की गई कुल राशि 25,163 करोड़ रुपये थी।
इसमें से 48,326 खातों से जुड़े 17,526 आवेदनों पर 138 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था। वास्तविक जमाकर्ताओं (Genuine Depositors) के वैध बकाए के भुगतान के लिए सहकारी समितियों के केंद्रीय रजिस्ट्रार को 5,000 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए।