रांची: राजधानी में राजभवन (Rajbhawan) के सामने 17 नवंबर से सहियाओं ने विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन (Sahiyas Protest) और धरना शुरू कर दिया है।
झारखंड प्रदेश सहिया संघ (Jharkhand Pradesh Sahiya Sangh) के बैनर तले शुरू हुआ यह धरना 19 नवंबर तक चलाने का ऐलान किया अया है।
हालांकि मांग पूरी नहीं होने पर इसे आगे बढ़ाने का भी प्लान है। हालांकि शुक्रवार को सहियाओं ने मोरहाबादी मैदान (Morabadi Ground) में अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। बता दें कि राज्य में सहिया की संख्या 42 हजार है. 17 साल से इन्हें अल्प मानदेय में काम करना पड़ रहा है।
महागठबंधन सरकार पर वादाखिलाफी का लगाया आरोप
झारखंड प्रदेश सहिया संघ के सचिव माया सिंह ने कहा कि महागठबंधन की सरकार बनने के बाद हम सभी को आशा जगी थी कि सरकार हमारी सुध लेगी, लेकिन सरकार अपने वादों पर खरा नहीं उतर सकी।
बड़े-बड़े मंच से महिला सशक्तिकरण (women empowerment) की बातें होती है, लेकिन हम सहियाओं का शोषण किया जा रहा है।
कोरोना काल में काम करने के बावजूद भी प्रोत्साहन राशि नहीं मिला है। संक्रमण से मरने वाली सहियाओं को मुआवजा का भुगतान भी नहीं किया गया।l
सहियाएं लंबे समय से अपनी मांग को लेकर संघर्ष करती आ रही हैं
धनबाद (Dhanbad) से आयी रूपा सिन्हा ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग (Health Department) के सभी योजनाओं (Schemes) में हम सभी का योगदान होता है।
टीबी, मलेरिया (Maleria), कुष्ठ और कोरोना संक्रमण (Corona) को रोकने में हम सबों ने अपनी भूमिका निभायी है। आश्वासन के रूप में हम लोगों को झुनझुना थमा दिया जाता है।
एक हजार प्रोत्साहन राशि की बात कहकर भुगतान नहीं किया गया है। हम सभी की मांग है कि हमें प्रतिमाह मानदेय के रूप में 18 हजार और स्थायी किया जाए।
बता दें कि राज्य सरकार आगामी विस चुनाव को देखते हुए राज्य में कर्मचारियों की मांगों को धीरे-धीरे पूरा करती जा रही है। इसे के मद्देनजर सहियाओं ने भी अपने मांग शुरू कर दी है। सहियाएं लंबे समय से अपनी मांग को लेकर संघर्ष करती आ रही हैं।