मैसूर: देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर अपना कहर बरपा रही है। हर दिन 2.50 लाख से ज्यादा नए मरीज मिल रहे हैं और कोविड से मरने वालों की संख्या में भी इजाफा जारी है।
जहां एक ओर देश में रेमडेसिवीर इंजेक्शन की किल्लत है। वहीं दूसरी ओर रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी भी जमकर हो रही है।
कर्नाटक से एक ऐसा ही बेहद असंवेदनशील मामला सामने आया है, जिसके खिलाफ स्थानीय पुलिस ने कार्रवाई की है।
दरअसल, कर्नाटक के मैसूर में एक नर्स को रेमडेसिविर इंजेक्शन की शीशी में खारा पानी और एंटीबायोटिक्स मिलाकर बेचने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है।
कोरोना के लगातार बढ़ रहे मामलों के बीच इस जीवन रक्षक दवाई की मांग बढ़ गई है।
मैसूर पुलिस को रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबजारी की जानकारी मिली। इसके बाद कार्रवाई की है।
मैसूर के पुलिस कमिश्नर चंद्रगुप्त ने यह जानकारी दी है।
पुलिस को पता चला कि इस कालाबाजारी रैकेट के का मास्टरमाइंड गिरिश नाम का एक व्यक्ति था, जो कि पेशे से नर्स है।
पुलिस कमिश्नर चंद्रगुप्त ने बताया कि विभिन्न कंपनियों की रेमडेसिविर की बोतलों को रिसाइकिल करके एंटीबायोटिक्स और सलाइन से भरा और बाजार में उतारा गया।
वह 2020 से ऐसा कर रहा था। हम इस रैकेट के असर का पता लगा रहे हैं और उसने कहां अपने स्टॉक की आपूर्ति की है।