रांची: Jharkhand सरकार के मिड डे मील अकाउंट (Mid Day Meal Account) से 100 करोड़ रुपये के फर्जी हस्तांतरण से जुड़े मनी लॉन्ड्रिग मामले (Money Laundering Cases) में वांछित आरोपित भानु कंस्ट्रक्शन (Bhanu Construction) के संचालक संजय कुमार तिवारी ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की विशेष अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया।
तिवारी को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 25 मार्च को सरेंडर करने का आदेश दिया।
ED ने संजय की गिरफ्तारी के लिए कोर्ट से वारंट हासिल किया
इसके बाद उसने COVID -19 जांच की एक रिपोर्ट ED कोर्ट को दी और फरार हो गया। ED ने संजय की गिरफ्तारी के लिए कोर्ट से वारंट हासिल किया। उसके रांची (Ranchi) के अरगोड़ा स्थित आवास पर छापा मारा पर वह नहीं मिला।
इस बीच ED के रांची जोनल ऑफिस (Ranchi Zonal Office) ने RIMS के इलाज संबंधी कागजात और कोविड सर्टिफिकेट की जांच कराई ।
इसमें साफ हुआ कि COVID सर्टिफिकेट फर्जी था। यह साबित होने पर रिम्स के चिकित्सा अधीक्षक ने संजय तिवारी खिलाफ बरियातू थाना में FIR दर्ज कराई।
धुर्वा थाना में FIR दर्ज कराई गई
उल्लेखनीय है कि मिड डे मील के करीब 100 करोड़ रुपये SBI की धुर्वा ब्रांच से भानु कंस्ट्रक्शन के 34 खातों में अवैध तरीके से स्थानांतरित किए गए हैं। खुलासा होने पर पहले धुर्वा थाना में FIR दर्ज कराई गई।
बाद में मामले की जांच CBI ने अपने हाथ ली। वर्ष 2021 में ED ने केस दर्ज कर जांच शुरू की थी। संजय तिवारी (Sanjay Tiwari) के साथ राजू वर्मा और सुरेश कुमार भी इस केस में अभियुक्त हैं।