झारखंड में यहां रोड एक्सीडेंट में घायल पारा शिक्षक ने तोड़ा दम, सदर अस्पताल के डाॅक्टरों की सामने आई लापरवाही

News Aroma Media

सरायकेला: प्रखंड अंतर्गत उत्क्रमित मिडिल स्कूल हातिया में पोस्टेड पारा शिक्षक मथुरा महतो की रोड एक्सीडेंट के बाद घायलावस्था में इलाज के दौरान मौत हो गयी।

इसमें सदर अस्पताल के चिकित्सकों की लापरवाही सामने आई है। जहां मौत के बाद चिकित्सकों ने बगैर पुलिस को सूचना दिए और मथुरा महतो के शव का पोस्टमार्टम कराए बिना ही घरवालों को सौंप दिया।

इधर, पार्थिव शरीर के कदमडीहा गांव पहुंचते ही अंतिम दर्शन के लिए लोग जुटने लगे। मथुरा महतो अपने पीछे पत्नी कमला महतो व तीन बच्चे को छोड़ गये हैं।

ऐसे हुआ हादसा

जानकारी के अनुसार, मंगलवार की देर रात बाइक से जा रहे कदमडीहा निवासी पारा शिक्षक मथुरा महतो सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गये थे। वे सरायकेला से अपने घर लौट रहे थे।

इसी दौरान पांड्रा गांव के समीप बाइक के स्लिप कर जाने से वे गिरकर घायल हो गये थे। इसके बाद उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था। चिकित्सकों ने उनकी मौत का कारण हेड इंज्युरी बताया है।

शोक संवेदनाओं का तांता

पारा शिक्षक मथुरा महतो की मौत की सूचना मिलते ही शोक संवेदना व्यक्त करने वालों का तांता लग गया। एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के कोल्हान प्रमंडल अध्यक्ष संजय मिश्र, जिला उपाध्यक्ष ब्रजेंद्र सिंहदेव, प्रखंड कोषाध्यक्ष सुरेश महतो, प्रकाश महतो, रयबु नाथ, सनत दास, हेमंत महतो, शंकर महतो, घनश्याम महतो, दीनबंधु पूर्ति, राकेश महतो, दीनबंधु नायक, दशरथ महतो, सुशांत सरदार, निराकर महतो, सविता पंडा, लतिका महतो, सुनंदा कुमारी, संजू महतो, दिलीप गोराई एवं करमी महतो भी मथुरा महतो के घर पहुंचे और अपनी संवेदना प्रकट की।

बेसहारा परिवार को सरकारी लाभ नहीं

संजय मिश्र ने घटना को लेकर गहरा दुख प्रकट करते हुए कहा कि सरकार की नीतियों के कारण आए दिन विभिन्न कारणों से पारा शिक्षक काल के गाल में समा रहे हैं। 10 वर्षों से अधिक समय तक सेवा देने के बाद भी किसी भी प्रकार का सरकारी लाभ नहीं मिलने से मृत पारा शिक्षकों के परिवार बेसहारा हो रहे हैं।