नई दिल्ली: रेटिंग एजेंसी मूडीज इनवेस्टर सर्विस (Rating Agency Moody’s Investor Service) के बाद सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने विकास दर के अनुमान में कटौती की है।
SBI के अर्थशास्त्रियों ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए देश के आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 7.5 फीसदी से घटाकर 6.8 फीसदी कर दिया है।
SBI ने शुक्रवार को जारी बयान में इसकी वजह चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में देश का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के आंकड़े को बताया है, जो उसके पूर्वानुमान से कम रहा है।
सौम्य कांति घोष ने पहली तिमाही में GDP वृद्धि दर 15.7 फीसदी रहने की उम्मीद व्यक्त की थी
दरअसल राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के इस हफ्ते जारी आंकड़ों में पहली तिमाही में GDP वृद्धि दर 13.5 फीसदी रही है।
SBI के मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष ने पहली तिमाही में GDP वृद्धि दर 15.7 फीसदी रहने की उम्मीद व्यक्त की थी
विशेषज्ञों ने वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में 15 से 16.7 फीसदी वृद्धि दर रहने की संभावना जताई थी।
इसमें रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने सबसे ज्यादा 16.7 फीसदी वृद्धि दर का अनुमान जताया था, जबकि SBI के मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष ने पहली तिमाही में GDP वृद्धि दर 15.7 फीसदी रहने की उम्मीद व्यक्त की थी।
उल्लेखनीय है कि NSO के जारी आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर कम रहने की वजह विनिर्माण क्षेत्र का कमजोर प्रदर्शन है।
इस क्षेत्र में पहली तिमाही में केवल 4.8 फीसदी की वृद्धि हुई। हालांकि, सेवा क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन से GDP वृद्धि दर को समर्थन मिला है।
इससे पहले रेटिंग एजेंसी मूडीज इनवेस्टर सर्विस (Rating agency Moody’s Investor Service) ने विकास दर के अनुमान को 8.8 फीसदी से घटाकर अब 7.7 फीसदी कर दिया।