मुंबई: देश के प्रमुख बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने सोमवार को मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट (एमसीएलआर) में 0.10 फीसदी बढ़ा दी है। एमसीएलआर बढ़ने से एसबीआई बैंक के होम-ऑटो और पर्सनल लोन महंगा हो जाएगा।
बैंक की ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक नई दरें 15 अप्रैल से लागू हो गई हैं। एसबीआई की वेबसाइट के मुताबिक ग्राहकों के लिए ओवरनाइट से लेकर तीन महीने तक वाले एमसीएलआर के लिए 6.65 फीसदी के बजाए 6.75 फीसदी रेट होगा।
वहीं 6 महीने के लिए 6.95 फीसदी के बजाए 7.05 फीसदी। एक साल के लिए एमसीएलआर 7.10 फीसदी होगा। दो और तीन साल के लिए इस वृद्धि के साथ एमसीएलआर क्रमश: 7.30 और 7.40 फीसदी होगा।
अब बैंक एमसीएलआर का इस्तेमाल कर रहे हैं
इसके पहले, बैंक ऑफ बड़ौदा ने भी एमसीएलआर में 5 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी की थी। 12 अप्रैल, 2022 से बेंचमार्क एक साल की अवधि एमएलसीआर अब 7.35 फीसदी है।
एमसीएलआर बढ़ने से आम आदमी को नुकसान होता है। उसका मौजूदा लोन महंगा हो जाता है और पहले की तुलना में ज्यादा ईएमआई देनी पड़ती है।
जब आप किसी बैंक से लोन लेते हैं तो बैंक द्वारा लिए जाने वाले ब्याज की न्यूनतम दर को बेस रेट कहा जाता है। बेस रेट से कम दर पर बैंक किसी को लोन नहीं दे सकता।
इसी बेस रेट की जगह पर अब बैंक एमसीएलआर का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसकी गणना धनराशि की सीमांत लागत, आवधिक प्रीमियम, संचालन खर्च और नकदी भंडार अनुपात को बनाए रखने की लागत के आधार पर की जाती है।