‘नजर हटी, दुर्घटना घटी’, पेट्रोल पंप पर कैसे होती है ठगी?, जानें इससे बचने का तरीका

Central Desk

Scam in Petrol Pump : अगर सतर्क नहीं रहिएगा तो कब आपका पॉकेट कतर लिया जाएगा, यह आपको पता नहीं चलेगा। Petrol Pump पर ठगी के बारे में सबने सुना होगा। लेकिन क्या आप जानते है कि आमतौर पर Petrol Pump पर कैसे ठगी होती है? पेट्रोल पंप पर ठगी करने की बहुत ही आम ट्रिक है।

इसमें Petrol Pump कर्मी ग्राहक को बातों में लगाते हैं और फिलिंग मशीन के मीटर में बिना ‘ZERO’ किए ही व्हीकल में फ्यूल डालने लगते हैं, फिर जो फाइनल अमाउंट मशीन में दिखता है उतना पैसा ग्राहक से ले लिया जाता है, जबकि असल में तेल कम अमाउंट का भरा जाता है।

कैसे होती है ठगी

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मान लीजिए अपने Vehicle में 500 रुपये का तेल भरने के लिए कहा। पेट्रोल पंप कर्मी ने मशीन के मीटर को ZERO नहीं किया और उसमें पहले से ही 50 रुपये अमाउंट की रीडिंग थी।

अब वह जब आपके व्हीकल में फ्यूल भरेगा तो मीटर की रीडिंग 50 रुपये से आगे शुरू होगी, फिर मीटर के 500 रुपये पर पहुंचते ही पेट्रोल पंप कर्मी Fuel को रोक देगा। आप उसे 500 रुपयें देंगे लेकिन असल में यहां सिर्फ ₹450 का फ्यूल ही भर गया है क्योंकि ₹50, जो पहले से मीटर में थे, उसका तेल आपके व्हीकल में नहीं भरा गया।

ऐसे भी होता है Scam

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पेट्रोल पंप पर कम तेल से संबंधित शिकायतें अक्सर सुनने को मिलती हैं। यहां पर होने वाली इस धोखाधड़ी पर किसी की नजर नहीं जाती है, जिससे सीधे तौर पर ग्राहकों की जेब काटी जाती है। ग्राहक जंप ट्रिक का शिकार भी हो सकता है। इसमें भी ग्राहकों को मीटर दिखाकर लूटा जाता है।

जब आप मीटर देखते हैं, तो देखा होगा 0 से स्टार्ट मीटर तुरंत 5-6 रुपये पर पहुंच जाता है और बीच का 2-3-4 दिखाई नहीं देता है। यहीं पर ग्राहकों के साथ खेल होता है, क्योंकि मीटर जीरो से स्टार्ट होने के बाद चरणबद्ध तरीके से 1-2-3 रुपये के मुताबिक बढ़ना चाहिए।

कैसे करें बचाव

इससे बचने के लिए फ्यूल भरवाने से पहले सुनिश्चित करें कि मशीन का मीटर ZERO पर हो। अगर मीटर ZERO पर नहीं है तो कर्मचारी को इसे ZERO करने के लिए कहें।

पेट्रोल भरवाते समय मीटर पर नज़र रखें और सुनिश्चित करें कि आपको सही मात्रा में पेट्रोल दिया जा रहा है। लेकिन, अगर आपको लगता है कि आपको सही मात्रा में फ्यूल नहीं मिला है तो आप इसकी Petrol Pump Management से शिकायत कर सकते हैं और उनसे क्वांटिटी चेक की मांग कर सकते हैं। यह हर ग्राहक का अधिकार है।

इसका भी रखें ख्याल

वैसे तो पिछले कुछ सालों से लोगों में जागरूकता बढ़ी है। अब ज्यादातर लोग पेट्रोल भरवाने से पहले फ्यूल मशीन के मीटर में 0 देखते हैं। लेकिन सिर्फ इतना ही काफी नहीं है।

जीरो नहीं देखने से हो सकता है पेट्रोल भरने वाला आपके साथ चालाकी कर दे और आपको पेट्रोल की मात्रा कम मिले, लेकिन यहां हम जिस चीज के बारे में बताने वाले हैं, उसे अनदेखा करने पर आपकी गाड़ी भी खराब हो सकती है। दरअसल, यहां डेंसिटी की बात हो रही है। सरकार ने पेट्रोल और डीजल की शुद्धता के मानक तय किए हुए हैं।

पेट्रोल डेंसिटी जरूर चेक करें

सबसे आम स्कैम जिसके कारण लोगों को खराब क्वालिटी पेट्रोल के भी ज्यादा पैसे देने पड़ते हैं। भारत सरकार द्वारा पेट्रोल का मानक तय किया गया है।

पेट्रोल डेंसिटी वही मानक है जो यह बताती है कि आपकी गाड़ी में डलने वाला पेट्रोल शुद्ध है या फिर नहीं। पेट्रोल की Density भी नंबर में नापी जाती है और 730 से 800 डेंसिटी वाला पेट्रोल शुद्ध होता है। ऐसे ही डीजल की Density में भी फर्क होता है। 830 से 900 की डेंसिटी वाला डीजल भी काफी शुद्ध माना जाता है।