Free Sanitary Pads In School : स्कूली छात्राओं को मुफ्त में सैनिटरी पैड (Free Sanitary Pads In School) बांटने की योजना को लेकर केंद्र ने नेशनल पॉलिसी तैयार कर ली गई है।
इसकी जानकारी केंद्र ने सोमवार (6 नवंबर) को सुप्रीम कोर्ट को दी है। इसे लेकर लोगों की राय जानने के लिए केंद्र ने 4 हफ्ते का समय मांगा है।
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) की अगुवाई वाली बेंच ने केंद्र सरकार से कहा कि छात्राओं को सैनिटरी नैपकिन बांटे जाने की प्रक्रिया एक समान होनी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि देश के सभी सरकारी और रहवासी स्कूलों में लड़कियों की संख्या के अनुपात में टॉयलेट का निर्माण कराने के लिए नेशनल मॉडल बनाएं।
इस मामले में 10 अप्रैल को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक समान पॉलिसी बनाकर पेश करने को कहा था। इसके लिए कोर्ट ने 4 हफ्ते का समय दिया था। हालांकि केंद्र यह नीति करीब 7 महीने बाद ड्राफ्ट कर पाया है।
सुप्रीम कोर्ट ने मांगा था सैनिटरी पैड वेंडिंग मशीन के खर्च का ब्योरा
10 अप्रैल् की सुनवाई में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और JB Pardiwala की बेंच ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से स्कूलों में लड़कियों के टॉयलेट की उपलब्धता और सैनिटरी पैड की सप्लाई को लेकर जानकारी भी मांगी थी।
साथ ही राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से सैनिटरी पैड और सैनिटरी पैड वेंडिंग मशीन के लिए किए गए खर्च का ब्योरा देने को भी कहा था।
इसके बाद 24 जुलाई को हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उन राज्यों को चेतावनी दी, जिन्होंने तब तक फ्री सैनिटरी नैपकिन (Free Sanitary Napkins) देने के लिए एक समान राष्ट्रीय नीति बनाने पर केंद्र को अपना जवाब नहीं सौंपा था। कोर्ट ने कहा कि अगर वे 31 अगस्त तक जवाब नहीं देते हैं सख्ती की जाएगी।