न्यूज़ अरोमा रांची: राज्य के स्कूल में शिक्षकों को अनिवार्य रूप से आने को लेकर आदेश जारी किया गया है। 10वीं और 12वीं कक्षा के लिए स्कूल खुलने पर बच्चे रोटेशन के आधार पर स्कूल बुलाया जा सकता है।
आदेश में बच्चाें काे स्कूल बुलाने-पढ़ाई शुरू कराने की बात नहीं है।
जारी आदेश में कहा गया है कि गुरुवार 17 दिसंबर से स्कूल खुल जाएंगे। इस दौरान ऑनलाइन पढ़ाई जारी रहेगी। स्कूलों के सभी शिक्षकों का आना अनिवार्य रहेगा।
इससे पहले दो शिक्षकों को ही स्कूल आने की अनुमति थी। बता दें कि आदेश में यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि स्कूलों में बच्चों को आना है या नही? यह अभी भी एक सवाल बना हुआ है।
हालांकि इसके लिए आपदा प्रबंधन विभाग का डिटेल में निर्देश का इंतजार है। गुरुवार देर रात तक इस संबंध में आदेश जारी नहीं हुआ। इसे लेकर स्कूलों में संशय की स्थिति बनी रही।
स्कूल प्रबंधन राज्य सरकार के आदेश का इंतजार कर रहे थे। यह आदेश गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जारी किया जाना है। इसके लिए आपदा प्रबंधन विभाग के विस्तृत निर्देश का इंतजार किया जा रहा है।
बता दें कि निदेशालय के स्तर से सात मई को जारी आदेश में सरकारी विद्यालयों के कार्यालय संचालन के लिए कम से कम दो शिक्षकों से गैर शैक्षणिक कार्य संपादित करने के लिए निर्देशित किया गया था।
अब पूर्व के निर्देश को रद कर 17 दिसंबर से विद्यालय के संचालन के लिए सभी शिक्षकाें की उपस्थिति सुनिश्चित की गई है। पत्र में जाे निर्देश है उसे सिर्फ सरकारी विद्यालयों के संबंध में बताया है।
10वीं और 12वीं के स्टूडेंट को इस तरह बुलाया जा सकता है
आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से निर्देश जारी होने के बाद शिक्षा विभाग जिलों को एसओपी भेजेगा। ऐसे में स्कूलों में साफ सफाई जरूरी है।
बता दें कि सात मई को जारी आदेश में सरकारी विद्यालयों के कार्यालय संचालन के लिए कम से कम दो शिक्षकों से गैर शैक्षणिक कार्य संपादित करने के लिए निर्देश दिया गया था।
अब पूर्व के निर्देश को रद्द कर लेटर जारी कर सभी शिक्षकों की उपस्थिति अनिवार्य कर दी गई है। 10वीं और 12वीं के स्टूडेंट रोटेशन पर स्कूल जा सकेंगे। सप्ताह में रोटेशन दो या तीन दिन का होगा।
इसके लिए सभी को अभिभावकों से अनुमति पत्र लाना होगा। स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग जिलों को भेजे जाने वाले एसओपी में इसका प्रावधान कर रहा है।
ऑनलाइन पढ़ाई जारी रहेगी
निजी स्कूलाें ने भी 10वीं से 12वीं तक की पढ़ाई शुरू करने की तैयारी शुरू कर दी है। लेकिन अभिभावकाें की सहमति के बाद ही बच्चे बुलाएं जाएंगे।
स्कूल खुलने के बाद भी ऑनलाइन क्लास की व्यवस्था हाेगी। तबीयत खराब हाेने पर बच्चे ऑनलाइन क्लास कर सकेंगे।
अगले तीन-चार दिनों में स्कूलों की होगी साफ़-साफ
सफाई के साथ-साथ सैनिटाइजेशन किया जाना जरूरी है। सैनेटाइजेशन और साफ-सफाई का का काम पूरा करने के बाद ही 10वीं और 12वीं के बच्चों को स्कूल में बुलाया जाएगा।
राज्य के स्कूल 17 मार्च से ही बंद हैं। आपदा प्रबंधन विभाग ने मैट्रिक और इंटर की परीक्षा को देखते हुए 10वीं और 12वीं के छात्रों को स्कूल बुलाने की सहमति दी है। परीक्षाओं और कॉपियों के मूल्यांकन के लिए कुछ स्कूल खोले गए थे।
स्कूल में सारी तैयारियां पूरी
स्कूल खोलने को लेकर स्कूल में सारी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। इधर, कुछ निजी स्कूल प्रबंधन का कहना है कि वे अभिभावकों के साथ बैठक कर आग्रह करेंगे कि स्कूल बस की सेवा शुरू होने से पहले खुद छात्रों के स्कूल भेजने की व्यवस्था करें।
अधिकतर निजी स्कूल सोमवार से ही खोलने की बात कर रहे थे।
बुधवार को कई सरकारी व निजी स्कूलों में कक्षाओं को सैनिटाइज कराया गया। कुछ स्कूलों में स्कूल खोलने की तैयारी को लेकर प्राचार्य ने शिक्षकों के साथ बैठक भी की।
शिक्षकों को बताया गया कि कक्षा में शारीरिक दूरी का विशेष ध्यान रखना है। कई स्कूलों के मुख्य द्वार पर सैनिटाइजर मशीन लगाया गया है।
शारीरिक दूरी के नियमों का पालन सख्ती से किया जाएगा
स्कूल में बच्चों को बुलाने पर बहुत ही सावधानियां बरतनी होंगी। शारीरिक दूरी के नियमों का पालन सख्ती से किया जाएगा तथा बच्चों, शिक्षकों एवं अन्य कर्मियों को मास्क, ग्लव्स आदि पहनना अनिवार्य होगा।
स्कूलों में प्रार्थना सभा का आयोजन नहीं होगा। न ही खेलकूद या कोई अन्य आयोजन ही होंगे।
शिक्षकों, बच्चों, विद्यालय प्रबंध समितियां, यूनिसेफ के जारी एसओपी के अनुसार सभी के लिए अलग-अलग मानक प्रक्रियाएं तय की गई हैं।
ये है एसओपी, ज़रूर पढ़ें
- कक्षाओं, पेयजल स्नोत, शौचालय, हैंड वा¨शग यूनिट आदि की लगातार सफाई की जाएगी।
- वैसी सतहों जिन्हें बार-बार छुआ जाता है जैसे, रेलिंग, खिड़की, दरवाजा आदि को नियमित रूप से सैनिटाइज किया जाएगा।
- स्कूलों में साबुन एवं हाथ धोने के पानी की सुविधा उपलब्ध रहेगी।
- शत-प्रतिशत उपस्थिति या आदर्श उपस्थिति को लेकर पुरस्कार को प्रोत्साहित नहीं किया जाएगा।
- बच्चों में कोरोना के लक्षण होने पर स्कूल आने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
- बच्चे नियमित रूप से साबुन से हाथ धोएंगे तथा अपनी आंख, नाक, मुंह आदि छूने से बचेंगे।
- बच्चे खांसी, बुखार या अन्य कोई तकलीफ होने पर तुरंत शिक्षक को जानकारी देंगे।